देश के रीयल एस्टेट सेक्टर ने पिछले 10 साल में 3 करोड़ से भी ज्यादा नई नौकरियां दी हैं। रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक और उद्योग निकाय नारेडको ने अपनी संयुक्त रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में मिलने वाला कुल रोजगार पिछले कैलेंडर वर्ष में बढ़कर 7.1 करोड़ हो गया, जबकि 2013 में यह आंकड़ा 4 करोड़ था। भाषा की खबर के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा गया कि मोदी सरकार के नई नीतिगत सुधारों से समर्थन पाकर रेसिडेंशियल सेक्टर ने अच्छी ग्रोथ हासिल की। इस वजह से रोजगार के मौके तेजी से बढ़े।
कार्यबल में रियल एस्टेट क्षेत्र की हिस्सेदारी
खबर के मुताबिक, एनारॉक-नारेडको की सोमवार को जारी रिपोर्ट ‘रियल एस्टेट अनबॉक्स्ड: द मोदी इफेक्ट’ में कहा गया कि भारत के आवासीय रियल एस्टेट बाजार को मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के कई सुधारों से काफी फायदा हुआ है। इन सुधारों से उद्योग को मजबूत होकर उभरने और नई ऊंचाइयां छूने में मदद मिली।
देश के कुल कार्यबल में रियल एस्टेट क्षेत्र की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत से अधिक है। भारत के शीर्ष सात प्राथमिक आवास बाजारों में 2014 और 2023 के बीच कुल 29.32 लाख यूनिट्स तैयार हुईं और 28.27 लाख यूनिट्स की बिक्री हुई।
घरों की मांग और कीमतों में अच्छी बढ़ोतरी देखी गई
नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी हरि बाबू ने कहा कि रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम (रेरा), माल तथा सेवा कर (जीएसटी), और प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) जैसी विभिन्न योजनाओं के जरिये सरकार ने पिछले 10 वर्षों में रियल एस्टेट क्षेत्र को मजबूती दी। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि शीर्ष सात बाजारों - दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर), कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे में घरों की मांग और कीमतों में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई। हाल के सालों में भारत में लग्जरी और बड़े घरों की डिमांड भी काफी तेजी से बढ़ी है। दिल्ली-एनसीआर, मुंबई औरर बेंगलुरू जैसे शहरों में इसकी डिमांड काफी तेज देखने को मिली।