हाल के दिनों में ट्रेनों के पटरियों के नीचे उतरने की लगातार बढ़ती घटनाओं को देखते हुए भारतीय रेल ने एक बड़ा फैसला लिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि सभी ट्रेनों में पटरियों और आस-पास के इलाकों की निगरानी के लिए कई कैमरे लगाए जाएंगे। यह कदम कई घटनाओं के बाद उठाया गया है, जिसमें ट्रेनों को पटरी से उतारने की कोशिशों का संदेह है। इस कदम का मकसद यात्रियों की सुरक्षा में सुधार करना है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, वैष्णव ने बताया कि इंजन और गार्ड कोच के आगे, पीछे और बगल में कैमरे लगाए जाएंगे, साथ ही कैटल गार्ड और बोगियों पर भी कैमरे लगाए जाएंगे।
कैमरा लगाने के लिए टेंडर जल्द
रेलमंत्री ने कहा कि कैमरा लगाने के लिए टेंडर तीन महीने के भीतर जारी किया जाएगा, जिसमें सभी ट्रेनें शामिल होंगी। कैमरों के अलावा, इन उपकरणों से फुटेज को इकट्ठा करने और समीक्षा करने के लिए एक केंद्रीय डेटा सेंटर स्थापित किया जाएगा।
वैष्णव ने हाल ही में पटरी से उतरने की कोशिशों को बहुत गंभीर बताया और कहा कि रेलवे प्रशासन रेलवे पटरियों पर सतर्कता बढ़ाने के लिए राज्य पुलिस प्रमुखों के साथ समन्वय कर रहा है। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि खुफिया नेटवर्क को मजबूत करने और आगे पटरी से उतरने की कोशिशों को रोकने के लिए लोगों में जागरुकता बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जाएगा।
कैमरे पटरियों पर संदिग्ध वस्तुओं का पता लगाएंगे
खबर के मुताबिक, इंजनों पर एआई से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए चर्चा चल रही है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे सुरक्षा बढ़ाने के लिए लगभग 15,000 करोड़ रुपये की लागत से कोचों और इंजनों में 75 लाख एआई संचालित सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना है।
ये कैमरे पटरियों पर संदिग्ध वस्तुओं का पता लगाएंगे और ड्राइवरों को आपातकालीन ब्रेक लगाने के लिए सचेत करेंगे। भारतीय रेलवे 40,000 कोचों, 14,000 इंजनों और 6,000 ईएमयू को एआई संचालित सीसीटीवी कैमरों से लैस करने की योजना बना रहा है।