भारतीय पेटेंट कार्यालय (IPR) ने आवेदनों के त्वरित निपटान के नाम पर हो रही धोखाधड़ी को लेकर लोगों को आगाह किया है। आईपीआर ने कहा कि ऐसे धोखेबाज वेबसाइट से आईपी (बौद्धिक संपदा) आवेदनों का डेटा तथा स्थिति (स्टेटस) एकत्र कर रहे हैं तथा उन आवेदनों को सुगम बनाने के लिए पैसे मांग रहे हैं। पेटेंट, डिजाइन एवं ट्रेडमार्क महानियंत्रक कार्यालय ने सार्वजनिक सूचना में कहा, ‘‘इसलिए, उन सभी हितधारकों को सलाह दी जाती है कि जो किसी भी प्रकार के आईपी आवेदन (अर्थात पेटेंट, डिजाइन, ट्रेडमार्क, जीआई (भौगोलिक संकेत), डिजाइन या कॉपीराइट) के लिए आवेदन कर रहे हैं या कर चुके हैं, उन्हें ऐसे झूठे दावों का शिकार नहीं होना चाहिए और इनके लिए कोई धनराशि का भुगतान नहीं करना चाहिए।’’
मांगे जा रहे पैसे
सूचना में कहा गया है कि इन आवेदनों पर कानून के प्रावधानों के तहत सख्ती से कार्रवाई की जाती है और कार्यालय ऐसी किसी भी अनैतिक गतिविधि को कतई बर्दाश्त नहीं करता है। यदि किसी हितधारक से ऐसे दावे किए जाते हैं, तो उन्हें इस कार्यालय के संज्ञान में लाया जाए। सार्वजनिक सूचना में कहा गया है, ‘‘हमारे संज्ञान में आया है कि कई धोखेबाज हमारे कार्यालय की वेबसाइट से आईपी आवेदनों का डेटा तथा स्थिति (स्टेटस) एकत्र कर रहे हैं। वे फोन कॉल और ईमेल के जरिये आवेदकों को इस कार्यालय द्वारा उनके आवेदन स्वीकार करने के लिए पैसे देने के लिए कह रहे हैं।’’ इसमें साथ ही कहा गया है कि उन्हें कानून के तहत ऐसे धोखाधड़ी करने वाले लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई शुरू करने का अधिकार है।