भारतीय मूल के निषाद सिंह की वित्तीय लेनदेन की जांच की जा रही है, जो दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में से एक एफटीएक्स (FTX) के पतन का कारण बनी है। इनपर कंपनी के साथ फ्रॉड करने के आरोप लग रहे हैं। वह एफटीएक्स संस्थापक और 9 अन्य लोगों के साथ रहते थे। वह एफटीएक्स के 30 वर्षीय संस्थापक सैम बैंकमैन-फ्राइड के काफी करीबी बताए जा रहे हैं।
मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि गैरी वांग (मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी), निषाद और सैम कोड, एक्सचेंज के मैचिंग इंजन और फंड को नियंत्रित करते हैं। क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स ने हाल ही में स्वीकार किया है कि अनधिकृत लेनदेन के चलते कंपनी इस हाल पर आ पहुंची है। यह कहते हुए कि कंपनी ने कई डिजिटल संपत्ति को एक नए कोल्ड वॉलेट कस्टोडियन में स्थानांतरित कर दिया है।
600 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि का नुकसान होने की आशंका
एफटीएक्स, जिसने पिछले सप्ताह अमेरिका में दिवालियेपन के लिए दायर किया था, उसने ये खुलासा नहीं किया कि अनधिकृत लेनदेन में उसे कितना नुकसान हुआ है, लेकिन रिपोर्ट में दावा किया गया कि यह राशि 600 मिलियन डॉलर से अधिक हो सकती है।
क्या था मामला?
बैंकमैन-फ्राइड की किस्मत तब बदल गई जब 30 वर्षीय सैम ने घोषणा की कि उनके क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स को प्रतिद्वंद्वी Binance द्वारा खरीदा जा रहा है। हालांकि इसको लेकर किए गए ट्वीट पर उन्होनें बाद में माफी भी मांगी थी। बता दें, मंगलवार को उन्होनें एक ट्वीट किया था कि दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म Binance के प्रमुख चांगपेंग झाओ ने कहा कि उनकी कंपनी ने एफटीएक्स खरीदने के लिए एक लेटर ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए थे, क्योंकि कंपनी को छोटे एक्सचेंज में 'महत्वपूर्ण लिक्विडिटी संकट' का सामना करना पड़ रहा था।
रातों-रात बैंकमैन-फ्राइड हो गए कंगाल
Coindesk के अनुसार, FTX अधिग्रहण की खबर टूटने से पहले सैम बैंकमैन-फ्राइड की अनुमानित कीमत 15.2 बिलियन डॉलर थी। उनकी संपत्ति से रातों-रात करीब 14.6 अरब डॉलर का सफाया हो गया। यह 30 वर्षीय अरबपति के लिए एक आश्चर्यजनक झटका था, जिसे सोशल मीडिया पर एसबीएफ के रूप में जाना जाता है, जिसे कई लोगों द्वारा उल्कापिंड के उदय के लिए सराहा गया था। फॉर्च्यून पत्रिका ने अगस्त में यहां तक कह दिया था कि वह आने वाले भविष्य में दुनिया के दूसरे वॉरेन बफेट हैं।