Indian Oil News: होली को आज देश-विदेश में सेलिब्रेट किया जा रहा है। सभी कंपनियां इस मौके पर कुछ बड़ा आयोजन कर रही है। खुशियां बांट रही है। इसी बीच भारत की दिग्गद तेल उत्पादक कंपनी इंडियन ऑयल ने एक बड़ी बात कही है। इसको लेकर पश्चिम बंगाल तक चर्चा शुरू हो गई है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) पश्चिम बंगाल स्थित अपनी मौजूदा हल्दिया रिफाइनरी को पेट्रोकेमिकल परिसर में विकसित करने की इच्छुक है। कंपनी के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि परिचालन को लाभप्रद बनाए रखने के लिए यह फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि एकल रिफाइनरी का संचालन लाभप्रदता के लिहाज से टिकाऊ नहीं है। ऐसे में इसे पेट्रोकेमिकल परिसर में बदलने की योजना है।
अधिकारी ने दी जानकारी
अधिकारी ने कहा कि हम हल्दिया रिफाइनरी के पास एक पेट्रोकेमिकल परिसर स्थापित करना चाहते हैं, जिसकी मौजूदा क्षमता 85 लाख टन प्रति वर्ष है। आईओसी ने पेट्रोकेमिकल परिसर विकसित करने के लिए हल्दिया फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन (एचएफसी) से जमीन मांगी है, जिसकी फैक्टरी बंद पड़ी है। हमने एचएफसी से 175 एकड़ जमीन मांगी है। यह रिफाइनरी के पास है और इसे हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स (एचडीसी) द्वारा रसायन और उर्वरक मंत्रालय को पट्टे पर दिया गया है। हम पेट्रोकेमिकल परियोजना के लिए जमीन मांग रहे हैं। सुरक्षा उद्देश्यों के लिए भी जमीन की जरूरत है, क्योंकि हल्दिया में रिफाइनरी परिसर भीड़भाड़ वाला हो गया है। एक सवाल के जवाब में आईओसी के अधिकारी ने कहा कि एचडीसी के साथ कई बार चर्चा हुई है लेकिन अभी तक कुछ भी नतीजा नहीं निकला है।
अडानी मामले पर भी दे चुका है सफाई
बता दें, इंडियन ऑयल ने अडानी मामले पर भी सफाई दी थी। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने आंध्र प्रदेश के गंगावरम स्थित अडाणी समूह के बंदरगाह को एलपीजी के आयात के लिए साथ जोड़ने से संबंधित शुरुआती समझौते पर बृहस्पतिवार को स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि समूह के साथ उसका ‘लो-या-चुकाओ’ समझौता नहीं हुआ है। अडाणी पोर्ट्स ने अपने तिमाही नतीजों की घोषणा के बाद जारी एक बयान में कहा था, ‘‘गंगावरम बंदरगाह पर एलपीजी भंडारण सुविधा के निर्माण के लिए आईओसी के साथ ‘लो-या-चुकाओ’ समझौते को लेकर एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।'