Job Opportunity News: मार्च 2022 से मार्च 2023 तक के आंकड़ों पर आधारित इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल भर पहले की तुलना में प्रशासनिक एवं मानव संसाधन कार्यों से जुड़े रोजगार में भी 61.75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। देश में शारीरिक श्रम की प्रधानता वाले रोजगार की कुल संख्या मार्च में सालाना आधार पर सात प्रतिशत बढ़कर 57,11,154 हो गई। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च के महीने में सुरक्षा सेवाओं में कार्यरत कामगारों की जरूरत बढ़ने से कुल श्रम-बहुल रोजगार में बढ़ोतरी दर्ज की गई। एक साल पहले मार्च 2022 में श्रम-बहुल रोजगार की संख्या 53,38,456 रही थी। डिजिटल रोजगार मंच ‘बिलियन करियर्स’ की तरफ से तैयार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल की तुलना में देश में सुरक्षा सेवाओं से जुड़े रोजगारों की संख्या तिगुनी हो गई है। मार्च के महीने में इस श्रेणी के रोजगार सालाना आधार पर 219 प्रतिशत बढ़ गए। क्वेस कॉर्प की अनुषंगी इकाई बिलियन करियर्स की यह रिपोर्ट कहती है कि कंपनियां अब मिलनसार, दोस्ताना और कार्यस्थल पर विवाद निपटाने की क्षमता रखने वाले सुरक्षा गार्ड को रखना पसंद कर रही हैं।
61.75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज
इनकी बढ़ती संख्या सुरक्षित कामकाजी माहौल को अहमियत देने का सबूत है। मार्च 2022 से मार्च 2023 तक के आंकड़ों पर आधारित इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल भर पहले की तुलना में प्रशासनिक एवं मानव संसाधन कार्यों से जुड़े रोजगार में भी 61.75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। बिलियन करियर्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमित निगम ने कहा कि बदलते आर्थिक परिवेश के बावजूद श्रम-बहुल कार्यों की मांग सुरक्षा और प्रशासनिक गतिविधियों में बढ़ी है। यह कार्यस्थल पर विभिन्न पक्षों को संभाल सकने वाले पेशेवरों की बढ़ती जरूरत को दर्शाता है। बता दें कि मंदी और घटती विकासदर के बीच रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर की दस्तक हुई है। सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंधन करने वाले निकाय EPFO के साथ फरवरी 2023 में 13.96 लाख नए अंशधारक जुड़े। बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
ये आंकड़े भी महत्वपूर्ण
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने फरवरी महीने के अस्थायी पेरोल आंकड़े जारी करते हुए कहा कि इस महीने में जुड़े 13.96 लाख अंशधारकों में से करीब 7.38 लाख सदस्य पहली बार संगठन का हिस्सा बने। श्रम मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, EPFO का पहली बार हिस्सा बनने वाले सदस्यों में सर्वाधिक 2.17 लाख की संख्या 18-21 साल के उम्र वाले कर्मचारियों की रही। इसके बाद 1.91 लाख नए EPFO अंशधारक 22-25 वर्ष की उम्र के थे। इस तरह 18-25 वर्ष की उम्र वाले अंशधारकों का सम्मिलित रूप से हिस्सा नए अंशधारकों में 55.37 प्रतिशत रहा। इससे यह भी पता चलता है कि देश के संगठित क्षेत्र का हिस्सा बनने वाले लोगों की बड़ी संख्या पहली नौकरी पाने वालों की रही।