Highlights
- वैश्विक घटनाक्रमों के कारण रुपये की विनियम दर में गिरावट को रोकने के जारी प्रयासों के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है
- 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 8.134 अरब डॉलर घटकर 537.518 अरब डॉलर रह गया है
- सरकार पर बढ़ रहा कर्ज का बोझ
Indian Foreign Reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी रहने के बीच 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 8.134 अरब डॉलर घटकर 537.518 अरब डॉलर रह गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विदेशी मुद्रा भंडार इससे पिछले सप्ताह 5.2 अरब डॉलर से अधिक घटकर 545.54 अरब डॉलर रह गया था।
इस वजह से दर्ज हुई गिरावट
वैश्विक घटनाक्रमों के कारण रुपये की विनियम दर में गिरावट को रोकने के जारी प्रयासों के बीच विदेशी मुद्रा भंडार (Indian Foreign Reserves) में यह कमी आई है। आरबीआई की तरफ से जारी साप्ताहिक सांख्यिकीय आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में गिरावट के कारण 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। एफसीए दरअसल समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है।
सोने के भंडार में भी आई कमी
केंद्रीय बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एफसीए 7.688 अरब डॉलर घटकर 477.212 अरब डॉलर रह गया। डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है। आंकड़ों के अनुसार, सोने के भंडार का मूल्य 30 करोड़ डॉलर घटकर 37.886 अरब डॉलर पर आ गया है।
सरकार पर बढ़ रहा कर्ज का बोझ
जून 2022 के अंत में सरकार की कुल देनदारी बढ़कर 145.72 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जो मार्च 2022 के अंत में 139.58 लाख करोड़ रुपये थी। तिमाही आधार पर यह वृद्धि 4.40 फीसदी है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को सार्वजनिक कर्ज प्रबंधन पर जारी अपनी त्रैमासिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। इसमें कहा गया कि जून 2022 के अंत में कुल सकल देनदारी में सार्वजनिक ऋण की हिस्सेदारी 88.3 फीसदी है जो मार्च 2022 के अंत में 88.1 फीसदी थी। केंद्र सरकार ने 2022-23 के लिए सकल राजकोषीय घाटा 16,61,196 करोड़ रुपये या जीडीपी का 6.4 फीसदी आंका था जबकि 2021-22 के लिए संशोधित अनुमान 15,91,089 करोड़ रुपये (या जीडीपी का 6.71 फीसदी) था। सरकार का कहना है कि वो लगातार इसपर लगाम कसने के लिए कोशिश कर रही है। बता दें, हाल ही में भारतीय रुपया भी काफी कमजोर हुआ था और अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था।