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इकोनॉमी में मजबूती के संकेत, कोविड संकट के बाद अर्थव्यवस्था के 22 संकेतकों में से 19 में तेजी, ऑटो सेक्टर में मायूसी

यह बताता है कि न केवल पुनरुद्धार पूरा हुआ है बल्कि आर्थिक वृद्धि अब कोविड-पूर्व स्तर से तेज हो रही है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: December 07, 2021 11:59 IST
इकोनॉमी में मजबूत...- India TV Paisa
Photo:FILE

इकोनॉमी में मजबूत संकेत, कोविड संकट के बाद अर्थव्यवस्था के 22 संकेतकों में से 19 में तेजी, ऑटो सेक्टर में मायूसी

Highlights

  • वस्तुओं का आयात अक्टूबर महीने में 55.14 अरब डॉलर रहा
  • आठ बुनियादी उद्योगों का प्रदर्शन कोविड-पूर्व स्तर से ऊपर पहुंचे
  • इस्पात, वाहन और हवाई यातायात अभी कोविड-पूर्व स्तर पर नहीं पहुंचे

नयी दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था विनाशकारी महामारी के प्रभाव से तेजी से उबर रही है और पुनरुद्धार के मजबूत संकेत हैं। कोविड-पूर्व स्तर से तुलना करने पर 22 आर्थिक संकेतकों में से 19 में तेजी है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। पिछले साल जनवरी, 2020 में कोविड-19 के पहले मामले के बाद से आर्थिक पुनरुद्धार का आकलन करने को लेकर बिजली खपत, वस्तु निर्यात, ई-वे बिल जैसे उच्च आवृत्ति के संकेतकों (एचएफआई) पर गौर किया जा रहा है। 

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ताजा सूचना से पता चलता है कि 22 उच्च आवृत्ति के संकेतकों में से 19 पूर्ण रूप से पूर्व के स्तर पर आ चुके हैं। इस साल सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में इन संकेतकों का स्तर 2019 के इन्हीं महीनों की तुलना में अधिक रहा। कुल 19 संकेतकों में 100 प्रतिशत से ज्यादा सुधार है। इनमें ई-वे बिल, वस्तु निर्यात, कोयला उत्पादन और रेल माल ढुलाई यातायात शामिल हैं। 

आर्थिक मजबूती के मजबूत संकेत

यह बताता है कि न केवल पुनरुद्धार पूरा हुआ है बल्कि आर्थिक वृद्धि अब कोविड-पूर्व स्तर से तेज हो रही है। इस बात की पुष्टि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वृद्धि दर के अनुमान से हुई है। दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर, 2021) में आर्थिक वृद्धि दर वास्तविक आधार पर 8.

4 प्रतिशत के साथ उत्पादन स्तर 2019-20 की दूसरी तिमाही से अधिक रहा है। 

किन सेक्टर्स में कितनी तेजी 

इलेक्ट्रॉनिक टोल (पथकर) संग्रह अक्टूबर में 108.2 करोड़ रुपये रहा जो कोविड-पूर्व स्तर 2019 के इसी माह के मुकाबले मुकाबले 157 प्रतिशत अधिक है। यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) मात्रा करीब चार गुना बढ़कर 421.9 करोड़ रुपये रही। इसी प्रकार, वस्तुओं का आयात अक्टूबर महीने में 55.14 अरब डॉलर रहा। यह 2019 के इसी माह के मुकाबले 146 प्रतिशत अधिक है। ई-वे बिल अक्टूबर में दोगुना से अधिक होकर 7.4 करोड़ पहुंच गया। कोयला उत्पादन सितंबर में 131 प्रतिशत बढ़कर 11.41 करोड़ टन रहा, जबकि रेल माल ढुलाई यातायात 125 प्रतिशत उछला। 

बुनियादी सेक्टर भी उबरा 

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इसके अलावा, उर्वरक बिक्री, बिजली खपत, ट्रैक्टर बिक्री, सीमेंट उत्पादन, ईंधन खपत, बंदरगाह और हवाई कार्गो, आईआईपी (औद्योगिक उत्पादन सूचकांक) और आठ बुनियादी उद्योगों का प्रदर्शन कोविड-पूर्व स्तर से ऊपर पहुंच गया है। 

इन तीन सेक्टर ने किया मायूस

केवल इस्पात खपत, घरेलू वाहन बिक्री और हवाई यात्री यातायात अभी कोविड-पूर्व स्तर पर नहीं पहुंचे हैं। इस्पात की खपत अक्टूबर में 2019 के इसी माह के मुकाबले 99 प्रतिशत के स्तर पर रही। वहीं घरेलू वाहनों की बिक्री अक्टूबर में कोविड-पूर्व स्तर की तुलना में 86 प्रतिशत और हवाई यात्री यातायात 66 प्रतिशत के स्तर पर रहा।

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