Highlights
- 2020 और 2021 में पस्त पड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था अब एक बार उठ खड़ी हुई है
- देश में आज देश में 81.4 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं
- 85 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) हैं
नयी दिल्ली। कोरोना संकट की मार से 2020 और 2021 में पस्त पड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था अब एक बार उठ खड़ी हुई है। भारतीय अर्थव्यवस्था 9.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रही है और आने वाले वर्षों में भी वृद्धि की यह रफ्तार बरकरार रहने की उम्मीद है। देश में आज देश में 81.4 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता और 85 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) हैं।
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने सोमवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 9.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रही है और आने वाले वर्षों में भी वृद्धि की यह रफ्तार बरकरार रहने की उम्मीद है। सरकार के उभरते क्षेत्रों के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का जिक्र करते हुए कांत ने कहा कि इससे अगले पांच साल में देश के उत्पादन में 520 अरब डॉलर का इजाफा होगा और भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनेगा।
कांत ने एआईएमए (ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन) के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘भारत आज अभूतपूर्व स्तर के आर्थिक विकास और तकनीकी बदलावों को देख रहा है। अर्थव्यवस्था 9.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रही है और आने वाले वर्षों में भी वृद्धि की यह रफ्तार बरकरार रहने की उम्मीद है। इसके साथ हम दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में तीव्र आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाले देशों में से एक हैं।’’
उन्होंने कहा कि देश ने दक्षता को अधिकतम करने के लिए कई उपाय किये हैं। सरकार ने इसके लिये कई सुधार किये हैं, जिसमें जीएसटी (माल एवं सेवा कर), दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता, कॉरपोरेट करों को कम करना आदि शामिल हैं। नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि इससे भारत को दुनिया में विनिर्माण के क्षेत्र में चैंपियन बनाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने ढांचागत क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिये राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा संपत्ति मौद्रिकरण पाइपलाइन और पीएम गतिशक्ति जैसे योजनाएं शुरू की है। कांत ने कहा, ‘‘इन दोनों योजनाओं के संयुक्त प्रभाव से देश में सरकार और निजी क्षेत्र-दोनों की भागीदारी से वैश्विक स्तर की ढांचागत परियोजनाएं तैयार होंगी।’’
उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में सफलता के लिये प्रौद्योगिकी को अपनाना जरूरी है। भारत पहले ही प्रौद्योगिकी के लिये एक उपयुक्त परिवेश तैयार करने में सफल रहा है। आज देश में 81.4 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता और 85 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) हैं।