देश की अर्थव्यवस्था को लेकर गुड न्यूज है। चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2023) में भारत की विकास दर यानी जीडीपी 8.4 प्रतिशत दर्ज की गई है। ऐसा खासकर विनिर्माण, खनन और उत्खनन और निर्माण क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन के चलते संभव हो सका है। भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट को लेकर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़े में यह सामने आया है। रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, इसमें कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार वित्तीय वर्ष 2023-24 में 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आंकड़ों के मुताबिक,यह वित्तीय वर्ष 2022-23 के संशोधित 7 प्रतिशत के आंकड़े से भी ज्यादा है।
अनुमान में किया गया फेरबदल
खबर के मुताबिक, एनएसओ ने जनवरी 2024 में पहले जारी किए गए अपने पहले अग्रिम अनुमान में चालू वित्त वर्ष के लिए 7.3 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था। एनएसओ ने 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को 7.2 प्रतिशत के पहले अनुमान के मुकाबले 7 प्रतिशत तक संशोधित किया था। इससे पहले भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.8% और अगली तिमाही के दौरान 7.6% की दर से बढ़ी। इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को अपने पूर्ण वित्तीय वर्ष 2023-24 के जीडीपी अनुमान को 6.5 प्रतिशत से संशोधित कर 7 प्रतिशत करना पड़ा।
भारत का फिर बजेगा डंका
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वित्त वर्ष 2024 में भारत के लिए 6.7 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया है। पिछली तिमाही में धीमी वृद्धि के बावजूद, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखने की संभावना है। आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चीन (4.6%), अमेरिका (2.1%), जापान (0.9%), फ्रांस (1%), यूके (0.6%) और जर्मनी (-0.5%) जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर प्रदर्शन करेगी। फिलहाल भारत दुनिया का पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है।