Indian aircraft industry News: आज का समय यूथ का है, टेक्नोलॉजी का है और सबसे बड़ा बाजार बने रहने का है। भारत के पास ये तीनों चीज है। यही वजह है कि दुनियाभर की कंपनियां भारत में निवेश कर अपना बिजनेस करना चाहती हैं, कर भी रही हैं। हमारा देश आज हर सेक्टर में तरक्की कर रहा है। एविएशन सेक्टर में भी चौमुखी विकास देखा जा रहा है। पिछले साल विस्तारा ने भारतीय विमानन इंडस्ट्री में कदम रखा था। टाटा ने एयर इंडिया को खरीद लिया था। ये सभी कंपनियां इस बात को अच्छी तरह से समझती हैं कि इंडिया में जनसंख्या काफी अधिक है। तेजी से यहां के लोग तरक्की कर रहे हैं तो वह धीरे-धीरे सफर करने के लिए विमानों के तरफ रुख करेंगे। इसी मौके का फायदा उठाने के लिए सभी बड़ी कंपनियां कमर कस रही हैं और नए विमानों का ऑर्डर दे रही हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय विमानन कंपनियां अगले एक-दो साल में 1,500 से 1,700 विमानों का ऑर्डर दे सकती हैं, जबकि एयर इंडिया के 500 विमानों का ऑर्डर देने की संभावना है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
विमानन सलाहकार फर्म सीएपीए ने बुधवार को यह संभावना जताई। सीएपीए ने कहा कि भारतीय एयरलाइंस के बेड़े में कुल लगभग 700 वाणिज्यिक विमान हैं जो दुनिया की कुछ बड़ी विमानन कंपनियों से भी कम है। भारतीय विमानन बाजार की विशाल क्षमता को देखते हुए अधिक विमानों को शामिल करने की गुंजाइश है। सीएपीए ने एक रिपोर्ट में कहा कि कोरोना काल के बाद भारतीय बाजार सबसे आकर्षक विमानन बाजार के तौर पर पूरी दुनिया को आकर्षित कर रहा है। अगले दो सालों में भारत में लगभग सभी कंपनियों की तरफ से ज्यादा विमानों की खरीद का ऑर्डर दिए जाने की उम्मीद है। इनमें समूचे बेड़े को बदलने के साथ विस्तार भी वजह हो सकता है।
भारत हासिल कर सकता है पहला स्थान
रिपोर्ट के अनुसार, सीएपीए इंडिया के अगले दशक और उसके आगे के पूर्वानुमानों के आधार पर हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय विमानन कंपनियां अगले 12-24 महीनों में 1,500-1,700 विमानों का ऑर्डर देंगी। इस दिशा में पहला कदम एयर इंडिया उठा सकती है, जिसके तहत वह लगभग 500 विमानों की खरीद का ऑर्डर देने वाली है। उसने कहा कि भारत को अपनी विमानन क्षमता पर खरा उतरने में संघर्ष करना पड़ा है। हालांकि भारत 21वीं सदी के वैश्विक विमानन बाजार के तौर पर अपना स्थान हासिल कर सकता है।