भारत चालू वित्त वर्ष 2024-25 में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से रियायती दर पर 160 टन सोने का आयात करेगा। सरकार ने इस बारे में आयात को नोटिफाई भी कर दिया है। भारत यह दोनों देशों के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते के तहत आयात करेगा। पीटीआई की खबर के मुताबिक, मंगलवार को एक अधिकारी ने कहा कि सरकार ने भारत-यूएई मुक्त व्यापार समझौते के तहत 2024-25 के लिए यूएई से रियायती दर पर निर्माताओं और व्यापारियों द्वारा 160 टन तक सोने के आयात को अधिसूचित किया है।
समझौता 1 मई, 2022 को लागू हुआ था
खबर के मुताबिक, आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) के रूप में नामित यह समझौता 1 मई, 2022 को लागू हुआ। समझौते के तहत, भारत टैरिफ दर कोटा (टीआरक्यू) के तहत एक प्रतिशत टैरिफ रियायत के साथ यूएई से सालाना 200 मीट्रिक टन तक सोना आयात करने पर सहमत हुआ। अधिकारी ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 140 टन और 2024-25 के लिए 160 टन अधिसूचित किया था।
वित्त वर्ष 2023 में यूएई से भारत का सोना आयात
थिंक टैंक जीटीआरआई ने जून में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि यूएई से भारत का सोने का आयात वित्त वर्ष 2023 में 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 147. 6 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 7. 6 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। इसने समझौते की समीक्षा की मांग की है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण भारत का सोना आयात, जिसका देश के चालू खाता घाटे (सीएडी) पर असर पड़ता है, अप्रैल-जुलाई 2024-25 के दौरान 4. 23 प्रतिशत घटकर 12. 64 बिलियन अमरीकी डॉलर रह गया।
सरकार ने बजट में घटाया सीमा शुल्क
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण भारत का सोना आयात, जिसका देश के चालू खाता घाटे (सीएडी) पर असर पड़ता है, अप्रैल-जुलाई 2024-25 के दौरान 4. 23 प्रतिशत घटकर 12. 64 बिलियन अमरीकी डॉलर रह गया। सरकार ने बजट में सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया है। 2023-24 में भारत का सोने का आयात 30 प्रतिशत बढ़कर 45.54 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। स्विटजरलैंड सोने के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है, जिसकी हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है, इसके बाद यूएई (16 प्रतिशत से अधिक) और दक्षिण अफ्रीका (लगभग 10 प्रतिशत) का स्थान है। देश के कुल आयात में कीमती धातु का हिस्सा 5 प्रतिशत से अधिक है।