Artificial Intelligence King: देश में एआई-चैटबॉट्स की बढ़ती लोकप्रियता के बीच सरकार ने कहा है कि वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के विस्तार को रोकने के लिए कानून बनाने या इसे रेगुलेट करने पर विचार नहीं कर रही है। लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि वह AI को देश तथा टेक्नोलॉजी सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक क्षेत्र के रूप में देखती है। सरकार ने जून 2018 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए राष्ट्रीय रणनीति प्रकाशित की थी। इस रणनीति में एआई से जुड़े रिसर्च और इसे अपनाने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने की बात कही गई थी। मंत्रालय ने अपने उत्तर में बताया कि उसने एआई तथा अन्य उभरती टेक्नोलॉजीज में अवसर तलाशने के लिए सेंटर ऑफ एक्सलेंस बनाए हैं। ये सेंटर स्टार्टअप को प्रीमियम प्लग-एंड-प्ले को-वर्किंग स्पेस और परिवेश उपलब्ध कराते हैं जहां अलग-अलग स्टार्टअप एक ही जगह पर काम कर सकते हैं। बता दें कि भारत ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) का संस्थापक सदस्य भी है।
AI के क्षेत्र में किंग बनेगा भारत
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि सरकार का लक्ष्य देश को एआई का वैश्विक पावर हाउस बनाना है। इसके लिए सिर्फ विदेशी चैटबॉट्स को जोड़ना काफी नहीं है; करोड़ों नागरिकों के सशक्तीकरण के लिए अगली पीढ़ी के एआई आधारित नवाचार की जरूरत होगी। एआई से निश्चित रूप से देश में डिजिटल अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा और व्यापार अर्थव्यवस्था का भी विस्तार होगा। एआई डिजिटल अर्थव्यवस्था का 'काइनेटिक इनेबलर' (गति प्रदान करने वाला) है। हम एआई में दुनिया का नेतृत्व करना चाहते हैं। नीति आयोग ने भी 'रिस्पॉन्सिबल एआई फॉर ऑल' के नाम से पेपर की सीरीज प्रकाशित की है। देश में 1,900 से अधिक एआई केंद्रित स्टार्टअप इनोवेशन बेस्ड सॉल्यूशन प्रदान कर रहे हैं, विशेषकर वार्तालाप संबंधी AI, NLP (नेचुरल लैग्वेज प्रोसेसिंग), वीडियो एनालिटिक्स, बीमारी का पता लगाने, ठगी रोकने और नकली चीजों की पहचान से संबंधित है।
AI का सरकार कर रही है इस्तेमाल
आज के समय में AI Chatbots को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। लोग इसकी मदद से काम को आसान बना रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं ChatGPT की सहायता से लोग कॉलेज असाइनमेंट और यहां तक की परीक्षा तक दे रहे हैं। AI Chatbots का इस्तेमाल ChatGPT की लॉन्चिंग से पहले से ही हो रहा है। 7 सरकारी ऐप्स यूजर्स को जवाब देने के लिए AI Chatbots की मदद लेते हैं, जिसमें UMANG, Digilocker पर MyGov हेल्पडेस्क, आधार मित्र, MyGov कोरोना हेल्पडेस्क, PAi NPCI AI Chatbots, दिशा AI Chatbots और BPCL का ऊर्जा AI Chatbots है।