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भारत की बढ़ती धाक का मिला धांसू संकेत, 3 साल बाद इस मामले में चीन से आगे होंगे हम

क्रूड ऑयल में भारत की घरेलू खपत अभी करीब 50 लाख बैरल प्रति दिन है। आईईए के निदेशक (ऊर्जा बाजार एवं सुरक्षा) किसुके सदामोरी ने कहा, ‘‘त्वरित हरित ऊर्जा कदमों के बावजूद 2030 तक भारत की तेल मांग तीव्र गति से बढ़ेगी। भारत की वृद्धि दर 2027 में चीन से आगे निकल जाएगी।

Edited By: Pawan Jayaswal
Updated on: February 07, 2024 18:08 IST
क्रूड ऑयल- India TV Paisa
Photo:FILE क्रूड ऑयल

भारत कैसे दुनिया के नक्शे पर अपना प्रभाव छोड़ रहा है, इसका एक और संकेत बुधवार को मिल गया। हमारा देश साल 2027 में क्रूड ऑयल की डिमांड में इजाफे का सबसे बड़ा केंद्र होगा। यानी कच्चे तेल के मार्केट में हमारी खास अहमियत होगी। इस समय ऐसी ही अहमियत चीन की है। इस तरह भारत साल 2027 में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की मांग में वृद्धि के केंद्र के रूप में चीन से आगे निकल जाएगा। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने यह अनुमान लगाया है। आईईए ने कहा है कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था में परिवहन तथा उद्योग से आने वाली खपत क्लीन एनर्जी और विद्युतीकरण पर बड़े जोर के बावजूद इस वृद्धि को गति देगी।

अभी दूसरे स्थान पर हैं हम

पेरिस बेस्ड एजेंसी ने बुधवार को भारत एनर्जी वीक में जारी 2030 तक भारतीय तेल बाजार आउटलुक पर एक विशेष रिपोर्ट में कहा कि देश की कच्चे तेल की मांग 2023 में 54.8 लाख बैरल प्रति दिन से बढ़कर 2030 में 66.4 लाख बीपीडी हो जाएगी। चीन वर्तमान में तेल की मांग का सबसे बड़ा चालक है और भारत इस लिस्ट में नंबर दो पर है।

चीन से आगे निकल जाएगा भारत

रिपोर्ट में आईईए द्वारा दिए गए आंकड़े घरेलू और निर्यात के लिए कच्चे तेल को ईंधन में बदलने से संबंधित हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू खपत करीब 50 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) है। आईईए के निदेशक (ऊर्जा बाजार एवं सुरक्षा) किसुके सदामोरी ने कहा, ‘‘त्वरित हरित ऊर्जा कदमों के बावजूद 2030 तक भारत की तेल मांग तीव्र गति से बढ़ेगी। भारत की वृद्धि दर 2027 में चीन से आगे निकल जाएगी।’’

विकसित देशों और चीन में तेल की मांग हुई धीमी

हालांकि, भारत में डिमांड 2030 में भी चीन से पीछे रहेगी। आईईए में तेल उद्योग एवं बाजार प्रभाग की प्रमुख टोरिल बोसोनी ने कहा, ‘‘जैसा कि विकसित देशों और चीन में तेल की मांग धीमी हो गई है, भारत वृद्धि का सबसे बड़ा स्रोत बन गया है।’’ भारत वर्तमान में अमेरिका और चीन के बाद कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। वह अपनी तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात करता है और घरेलू उत्पादन में गिरावट के कारण यह निर्भरता बढ़ने की संभावना है। आईईए ने कहा, ‘‘भारत अब और 2030 के बीच वैश्विक तेल मांग में वृद्धि का सबसे बड़ा स्रोत बन जाएगा। जबकि विकसित अर्थव्यवस्थाओं तथा चीन में शुरू में वृद्धि धीमी और बाद में इसके उलट रहने का अनुमान है।’’ रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ भारत करीब 12 लाख बीपीडी की वृद्धि दर्ज करने की राह पर है। इसके 2030 तक 66 लाख बीपीडी तक पहुंचने का अनुमान है।"

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