पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि देश में अगले साल अप्रैल से चुनिंदा पेट्रोल पंपों पर 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण के साथ पेट्रोल की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। आयात पर निर्भरता कम करने और पर्यावरण मुद्दों के समाधान के लिये इसकी आपूर्ति आगे बढ़ायी जाएगी। उन्होंने कहा कि 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल होगा। पुरी ने कहा, ‘‘ई-20 पेट्रोल (पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण) कुछ जगहों पर अप्रैल, 2023 से उपलब्ध होगा। बाकी जगहों को 2025 तक इसमें शामिल किया जाएगा।’’
सरकार ने राष्ट्रीय जैव-ईंधन नीति के तहत संशोधित लक्ष्य के अंतर्गत 2025-26 तक 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है। पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य तय समय से पहले ही प्राप्त किया जा चुका है। यह लक्ष्य नवंबर, 2022 तक पूरा होना था, लेकिन इसे पांच महीने पहले जून में पूरा कर लिया गया है। विश्व जैव-ईंधन दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरी पीढ़ी के एथनॉल संयंत्र देश को समर्पित किया।
आईओसी की पानीपत रिफाइनरी के पास स्थित इस एथनॉल संयंत्र पर 900 करोड़ रुपये की लागत आई है। आईओसी की स्वदेशी प्रौद्योगिकी पर आधारित इस परियोजना में एक साल में करीब दो लाख टन धान की भूसी (पराली) को इस्तेमाल में लाया जाएगा। इसकी मदद से सालाना करीब तीन करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन होगा। इससे हरित गैस उत्सर्जन में भी कमी आएगी। परियोजना से पराली जलाए जाने में कमी आएगी। इससे सालाना तीन लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी। यह हर साल 63,000 कारों को देश की सड़कों से हटाने के बराबर है।
पुरी ने कहा कि पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण से 41,500 करोड़ रुपये से अधिक विदेशी मुद्रा की बचत हुई है। साथ ही हरित गैस उत्सर्जन में 27 लाख टन की कमी आई है तथा किसानों को 40,600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। अमेरिका, ब्राजील, यूरोपीय संघ और चीन के बाद भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा एथनॉल उत्पादक है। दुनियाभर में एथनॉल का उपयोग बड़े पैमाने पर दूसरे कार्यों में किया जाता है लेकिन ब्राजील और भारत जैसे देश इसे पेट्रोल में मिला रहे हैं। बीस फीसदी एथेनॉल मिश्रण के साथ पेट्रोल की आपूर्ति से सालाना चार अरब डॉलर की बचत होने का अनुमान है।
अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल 10.17 प्रतिशत एथनॉल पेट्रोल में मिलाया जा रहा है जो 2020-21 में 8.10 प्रतिशत और 2019-20 में पांच प्रतिशत था। वर्ष 2013-14 में यह 1.53 प्रतिशत था। पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण के लिये 1,000 करोड़ लीटर एथनॉल की जरूरत होगी। जैसे-जैसे एथनॉल की मात्रा बढ़ेगी, उतनी ही मात्रा में कच्चे तेल के आयात में कमी आएगी।