भारत में स्टार्टअप (Startup) शुरु करने की नई क्रांति चल रही है। देश में यूनिकॉर्न स्टार्टअप (Unicorn Startups) की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसमें महिलाओं भी बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि ओडिशा (Odisha) में रजिस्टर्ड 40 फीसदी स्टार्टअप की फाउंडर महिलाएं हैं।
500 स्टार्टअप को महिलाएं कर रही लीड
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायाक द्वारा 33 प्रतिशत स्टार्टअप की फाउंडर महिलाओं को सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है। ताकि महिलाएं भी नेतृत्व करने में अपनी भागीदारी निभा सके। उनके कोशिश का ही परिणाम है कि आंकड़ा 40 फीसदी तक पहुंच गया है। स्टार्टअप ओडिशा प्रचारक (Startup Odisha evangelist) संजुक्ता बधेई (Sanjukta Badhei) ने शनिवार को भुवनेश्वर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "ओडिशा में 1,300 से अधिक स्टार्टअप हैं, जिनमें से लगभग 500 महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे हैं।"
महिलाओं के लिए 'स्टार्टअप ओडिशा' के तहत विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से बताते हुए। बधेई ने कहा कि ऐसे उद्यमियों को अपने विचारों को पोषित करने में मदद करने के लिए विशेष वित्त पोषण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम मौजूद थे।
महिला एंटरप्रेन्योर को बढ़ावा देने के लिए 22,000 रुपये का मासिक भत्ता
महिला एंटरप्रेन्योर के विकास और ओडिशा के सामाजिक आर्थिक परिदृश्य में उनके योगदान पर आयोजित संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि महिला एंटरप्रेन्योर को बढ़ावा देने के लिए हमारे पास 22,000 रुपये का मासिक भत्ता है। सरकार उत्पाद निर्माण की प्रक्रिया को समर्थन देने और उसे बाजार तक ले जाने के लिए 16 लाख रुपये तक की अनुदान राशि दे रही है। अधिकारी के अनुसार, विभिन्न कार्यक्रमों में अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने के लिए स्टार्टअप के लिए यात्रा सहायता भी है।
ओडिशा सरकार ने स्टार्टअप्स को बड़े पैमाने पर निवेश प्रदान करने के लिए 100 करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया है। बधेई ने कहा, "हम वैकल्पिक निवेश कोष और अर्ध-पंजीकृत निवेशकों को ओडिशा स्थित स्टार्टअप में निवेश करने के लिए भी आमंत्रित कर रहे हैं।"
लोकल प्रोडक्ट पर फोकस
ओडिशा ग्रामीण विकास और विपणन सोसायटी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी पूनम गुहा ने उद्यमियों से नई तकनीकों को सीखने और उपकरणों और विचारों के आदान-प्रदान के लिए सहकर्मी उत्पादक समूहों का दौरा करने का आग्रह किया है। गुहा ने कहा, "चूंकि ओडिशा 62 आदिवासी समूहों का घर है, इसलिए हमारे पास उनके विशिष्ट उत्पादों जैसे हरिदा, बहाड़ा, झाड़ू और अन्य पर कई अवसर हैं।"
महिलाएं इन उत्पादों को बड़े उपभोक्ता आधार पर बेचने के लिए सामूहिक रूप से उद्यम स्थापित कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों के विपणन की भी काफी गुंजाइश है। संगोष्ठी प्रॉपैक ओडिशा का एक हिस्सा है, जिसका आयोजन ओडिशा एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज द्वारा जनता मैदान में किया गया था।
चार दिवसीय एक्सपो में पैकेजिंग और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की 40 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया। रविवार को संपन्न हुई प्रदर्शनी में पूरे ओडिशा के 100 से अधिक एसएमई भी हिस्सा ले रहे हैं।