भारत का सॉफ्टवेयर सेवाओं का कुल निर्यात 2023-24 के दौरान बढ़कर 205.2 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 200.6 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक के इस सर्वेक्षण के मुताबिक, इसमें भारतीय कंपनियों के विदेशी सहयोगियों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं भी शामिल हैं। पीटीआई की खबर के मुताबिक, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम-सेवाओं (आईटीईएस) निर्यात पर आरबीआई के वार्षिक सर्वेक्षण के 2023-24 दौर से संबंधित आंकड़ों के मुताबिक, भारत का सॉफ्टवेयर सेवाओं का निर्यात (विदेशी वाणिज्यिक उपस्थिति के माध्यम से उनकी बिक्री को छोड़कर) 2023-24 के दौरान 2.8 प्रतिशत बढ़कर 190.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
अमेरिका प्रमुख सॉफ्टवेयर निर्यात डेस्टिनेशन
खबर के मुताबिक, आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका 54 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ प्रमुख सॉफ्टवेयर निर्यात गंतव्य था, इसके बाद यूरोप (31 प्रतिशत हिस्सेदारी) था, जहां यूनाइटेड किंगडम एक प्रमुख गंतव्य देश था। सर्वेक्षण में 7,226 सॉफ्टवेयर निर्यात कंपनियों से संपर्क किया गया, जिनमें से 2,266 फर्मों ने जवाब दिया, जिनमें से अधिकांश बड़ी कंपनियां शामिल थीं। भाग लेने वाली कंपनियों ने कुल सॉफ्टवेयर सेवा निर्यात में लगभग 89 प्रतिशत का योगदान दिया।
कंप्यूटर सेवाओं का योगदान दो-तिहाई से अधिक
सर्वेक्षण में कहा गया है कि साल के दौरान भारत के कुल सॉफ्टवेयर सेवा निर्यात में कंप्यूटर सेवाओं का योगदान दो-तिहाई से अधिक रहा। साथ ही, सार्वजनिक सीमित कंपनियों की तुलना में निजी सीमित कंपनियों ने सॉफ्टवेयर सेवाओं के निर्यात में अधिक वृद्धि दर्ज की। इसके अलावा, भारत के सॉफ्टवेयर निर्यात के लिए अमेरिकी डॉलर 72 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ प्रमुख चालान मुद्रा बना रहा, जिसके बाद यूरो, रुपया और पाउंड स्टर्लिंग का स्थान रहा।
डिस्ट्रीब्यूशन के तरीकों के संदर्भ में, सॉफ्टवेयर सेवाओं की सीमा पार आपूर्ति 2023-24 में 83. 5 प्रतिशत तक बढ़ गई, जबकि वितरण के विदेशी वाणिज्यिक उपस्थिति मोड की हिस्सेदारी पिछले वर्ष के 7. 5 प्रतिशत और 2013-14 के 13. 7 प्रतिशत से घटकर 7 प्रतिशत हो गई। सॉफ्टवेयर सेवाओं के कुल निर्यात में ऑफसाइट सेवाओं का हिस्सा 90 प्रतिशत है। यह हिस्सा दस साल पहले के 80 प्रतिशत से बढ़ा है।