Monday, September 16, 2024
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देश का सर्विस सेक्टर अगस्त में मार्च के बाद सबसे तेज बढ़ा, जानें अगस्त में पीएमआई इंडेक्स कहां पहुंचा

आंकड़ों से यह भी पता चला कि भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए दाम जुलाई की तुलना में कम बढ़े। सर्विस सेक्टर में यह ग्रोथ मुख्य रूप से नए ठेकों खासकर घरेलू ठेकों में बढ़ोतरी से प्रेरित रही।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: September 04, 2024 15:03 IST
अगस्त में भारत के लिए समग्र पीएमआई में मजबूत बढ़ोतरी रही।- India TV Paisa
Photo:INDIA TV अगस्त में भारत के लिए समग्र पीएमआई में मजबूत बढ़ोतरी रही।

देश का सर्विस सेक्टर (सेवा क्षेत्र) मार्च के बाद से अगस्त में सबसे तेज बढ़ा है। अगस्त में यह जुलाई की तुलना में भी बढ़ा है। भारत के सेवा क्षेत्र को लेकर एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है। इससे जुड़ा एचएसबीसी इंडिया भारत सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक जुलाई में 60.3 से बढ़कर अगस्त में 60.9 हो गया। पीटीआई की खबर के मुताबिक, इस बढ़ोतरी से काफी हद तक उत्पादकता लाभ और सकारात्मक मांग के रुझान से समर्थन मिला।

50 से ऊपर पीएमआई अंक का मतलब

खबर के मुताबिक, खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम अंक का अर्थ संकुचन यानी सिकुड़न से होता है। एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) प्रांजुल भंडारी ने कहा कि भारत के लिए समग्र पीएमआई में अगस्त में मजबूत बढ़ोतरी रही जो सेवा क्षेत्र में त्वरित व्यावसायिक गतिविधि से प्रेरित है। इसमें मार्च के बाद से सबसे तेज विस्तार हुआ। यह ग्रोथ मुख्य रूप से नए ठेकों खासकर घरेलू ठेकों में बढ़ोतरी से प्रेरित रही।

रोजगार का स्तर मजबूत बना रहा

कीमतों की बात करें तो कच्चे माल की लागत में छह महीने में सबसे कम बढ़ोतरी हुई, विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों में भी यही रुख देखने को मिला। इससे अगस्त में आउटपुट मूल्य मुद्रास्फीति में कमी आई। सर्वेक्षण में कहा गया कि भारत की सेवा अर्थव्यवस्था में शुल्क मुद्रास्फीति की समग्र दर मध्यम रही। जुलाई में देखी गई वृद्धि की तुलना में भी यह वृद्धि धीमी रही। वहीं रोजगार का स्तर मजबूत बना रहा, हालांकि जुलाई की तुलना में नियुक्ति की गति मामूली धीमी रही।

भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए दाम कम बढ़े

एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स जुलाई की तरह ही अगस्त में भी 60.7 रहा। अगस्त के सर्वेक्षण के आंकड़ों से यह भी पता चला कि भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए दाम जुलाई की तुलना में कम बढ़े। विनिर्माण कंपनियों और उनकी सेवा समकक्षों दोनों ने अगस्त में लागत दबाव में कमी देखी। सर्वेक्षण के मुताबिक, मुद्रास्फीति की कुल दर छह महीने के निचले स्तर पर आ गई है।

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