Monday, November 25, 2024
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FY2024-25 में दालों का इस वजह से घटेगा आयात, इतना रह जाएगा, खुदरा कीमतें भी कम होने की संभावना

इस साल मॉनसून की बारिश बेहतर रही है। खरीफ सत्र में दालों का रकबा बढ़ा है। घरेलू उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। पिछले एक महीने में थोक बाजारों में दालों की कीमतों में कमी आई है और आगे भी इसमें कमी आने की उम्मीद है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: August 09, 2024 23:43 IST
घरेलू मांग को पूरा करने के लिए 2023-24 के दौरान दालों का आयात सालाना आधार पर 90 प्रतिशत बढ़कर 47.38 - India TV Paisa
Photo:FILE घरेलू मांग को पूरा करने के लिए 2023-24 के दौरान दालों का आयात सालाना आधार पर 90 प्रतिशत बढ़कर 47.38 लाख टन हो गया।

भारत का दालों का आयात पिछले वर्ष के 47.38 लाख टन से घटकर चालू वित्त वर्ष में 40-45 लाख टन रह सकता है। इंडस्ट्री बॉडी (उद्योग निकाय) इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (आईपीजीए) के चेयरमैन बिमल कोठारी ने यह बात शुक्रवार को कही। भाषा की खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि मॉनसून अच्छा रहने की वजह से घरेलू उत्पादन बढ़ने और खुदरा कीमतें कम होने की संभावना है।

पीली मटर पर आयात शुल्क लगाने की भी मांग

खबर के मुताबिक, आईपीजीए ने यह भी मांग की कि सरकार को 2.5 लाख करोड़ रुपये के दाल बाजार के लिए दीर्घकालिक नीति बनानी चाहिए, क्योंकि नीतियों में बार-बार बदलाव से सभी अंशधारकों के हितों को नुकसान पहुंचता है। इसने पीली मटर पर आयात शुल्क लगाने की भी मांग की। कोठारी ने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित 'भारत दलहन सेमिनार 2024' में संवाददाताओं से कहा कि इस वित्त वर्ष में दालों का आयात 40-45 लाख टन रहने की संभावना है।

इस वजह से आएगी आयात में कमी

कोठारी ने कहा कि फसल वर्ष 2024-25 में दालों के बेहतर उत्पादन की उम्मीद और पिछले वित्त वर्ष में अधिक आयात के कारण आयात में कमी आएगी। कोठारी ने कहा कि देश ने पिछले वित्त वर्ष में 16 लाख टन मसूर दाल का आयात किया था। हमें सिर्फ 10 लाख टन मसूर दाल के आयात की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पीली मटर का आयात भी 2023-24 के स्तर से कम हो सकता है। कोठारी ने कहा कि इस साल मॉनसून की बारिश बेहतर रही है। खरीफ सत्र में दालों का रकबा बढ़ा है। घरेलू उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।

थोक बाजारों में दालों की कीमतों में कमी

आईपीजीए के चेयरमैन ने कहा कि पिछले एक महीने में थोक बाजारों में दालों की कीमतों में कमी आई है और आगे भी इसमें कमी आने की उम्मीद है। पिछले एक महीने में थोक बाजारों में तुअर की कीमतों में 20 रुपये प्रति किलोग्राम की कमी आई है। कोठारी ने कहा, ‘‘इस साल दालों की कीमतें नहीं बढ़ेंगी, बल्कि गिरती रहेंगी।’’ पिछले महीने, सरकार ने संसद को सूचित किया था कि घरेलू मांग को पूरा करने के लिए 2023-24 के दौरान भारत का दालों का आयात सालाना आधार पर 90 प्रतिशत बढ़कर 47.38 लाख टन हो गया।

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