India America Growth: भारत जितनी अधिक तरक्की करेगा, यह भारत के साथ अमेरिका और दुनिया के लिए उतना ही बेहतर होगा। बाइडन प्रशासन में दक्षिण एशिया के लिए एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक तेजी से बढ़ रहा है और इस समय 3,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था है। देश ने एक दशक में 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने कहा कि हम आपकी आर्थिक वृद्धि का हिस्सा बनना चाहते हैं। हम अर्थव्यवस्था को समावेशी रूप से विकसित करने के भारत के लक्ष्य का पुरजोर समर्थन करते हैं। भारत जितनी अधिक तरक्की करेगा, यह भारत के लिए, अमेरिका के लिए और दुनिया के लिए उतना ही अच्छा होगा।
वैश्विक समस्याओं से निपटने में हम मजबूत
एक समृद्ध भारत के पास जलवायु परिवर्तन और भविष्य की महामारियों जैसी वैश्विक समस्याओं से निपटने के लिए अधिक संसाधन होंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका को दो लाख से अधिक भारतीय छात्रों की मेजबानी करने पर गर्व करता है, जो अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत के वाणिज्य मंत्रालय के शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में सात फीसदी की वृद्धि हुई है। बता दें कि अमेरिका का भारत के साथ व्यापारिक रिश्ता भी काफी बेहतर चल रहा है। अमेरिका बीते वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है। दोनों देशों के बीच इस दौरान 128.55 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। यह बताता है कि दोनों देशों में आर्थिक संबंध और मजबूत हो रहे हैं। वाणिज्य मंत्रालय के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 7.65 प्रतिशत वृद्धि के साथ 128.55 अरब डॉलर का हो गया। इससे पिछले वित्त वर्ष (2021-22) में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 119.5 अरब डॉलर रहा था, वहीं 2020-21 में यह सिर्फ 80.51 अरब डॉलर था।
चीन हुआ पीछे
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में भारत से अमेरिका में निर्यात 2.81 प्रतिशत वृद्धि के साथ 78.31 अरब डॉलर हो गया जो 2021-22 में 76.18 अरब डॉलर था। भारत में अमेरिका से आयात इस दौरान 16 प्रतिशत वृद्धि के साथ 50.24 अरब डॉलर हो गया। वहीं दूसरी तरफ 2022-23 में भारत-चीन में व्यापार 1.5 प्रतिशत गिरावट के साथ 113.83 अरब डॉलर का रह गया, जो इससे पिछले वर्ष 115.42 अरब डॉलर था। भारत से चीन के लिए 2022-23 में निर्यात 28 प्रतिशत गिरावट के साथ 15.32 अरब डॉलर रह गया, जबकि आयात 4.16 प्रतिशत वृद्धि के साथ 98.51 अरब डॉलर हो गया। भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 2022-23 में बढ़कर 83.2 अरब डॉलर हो गया, जो इससे पिछले साल 72.91 अरब डॉलर था।