Monday, November 18, 2024
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दिसंबर में भारत के मैनुफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 18 महीने के निचले स्तर पर, इन वजहों से आई गिरावट

भारत के विनिर्माण क्षेत्र का दिसंबर में विस्तार जारी रहा, हालांकि पिछले महीने में बढ़ोतरी के बाद इसकी गति धीमी रही। पीएमआई इंडेक्स में 50 से ऊपर प्रिंट का मतलब ग्रोथ है जबकि 50 से नीचे का स्कोर संकुचन को दर्शाता है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: January 03, 2024 12:21 IST
नवंबर के बाद से भविष्य के उत्पादन सूचकांक में वृद्धि हुई।- India TV Paisa
Photo:REUTERS नवंबर के बाद से भविष्य के उत्पादन सूचकांक में वृद्धि हुई।

साल 2023 के आखिरी महीने में भारत के मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट का रुख रहा। एक मंथली सर्वे में बुधवार को बताया गया कि न्यूनतम महंगाई के बावजूद,फैक्ट्री ऑर्डर और आउटपुट में धीमे ग्रोथ के चलते दिसंबर में भारत के मैनुफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 18 महीने के निचले लेवल पर पहुंच गई। पीटीआई की खबर के मुताबिक, एसएंडपी ग्लोबल के एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई सर्वेक्षण में यह बात सामने आई।

पीएमआई में रही गिरावट

खबर के मुताबिक, सर्वे में पता चला है कि फैक्ट्री ऑर्डर और आउटपुट में नरम, हालांकि तेज वृद्धि हुई है, जबकि आगामी वर्ष के दृष्टिकोण के प्रति व्यापार का विश्वास मजबूत हुआ है। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) नवंबर में 56 से गिरकर 18 महीने के निचले स्तर 54.9 पर आ गया। बता दें, दिसंबर में परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) की भाषा में, 50 से ऊपर प्रिंट का मतलब ग्रोथ है जबकि 50 से नीचे का स्कोर संकुचन को दर्शाता है।

उत्पादन और नए ऑर्डर दोनों की वृद्धि में नरमी

एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल द्वारा करीब 400 मैनुफैक्चरर के एक पैनल में पर्चेजिंग मैको भेजे गए प्रश्नावली के जवाबों से कम्पाइल किया गया है। एचएसबीसी के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि उत्पादन और नए ऑर्डर दोनों की वृद्धि में नरमी आई, लेकिन दूसरी ओर, नवंबर के बाद से भविष्य के उत्पादन सूचकांक में वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि भारत के विनिर्माण क्षेत्र का दिसंबर में विस्तार जारी रहा, हालांकि पिछले महीने में बढ़ोतरी के बाद इसकी गति धीमी रही।

अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर प्राप्तियों में लगातार 21वीं वृद्धि

दिसंबर के आंकड़ों ने भारत में माल उत्पादकों की अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर प्राप्तियों में लगातार 21वीं वृद्धि दिखाई है। कंपनियों ने एशिया, यूरोप, मध्य पूर्व और उत्तरी अमेरिका में ग्राहकों से लाभ देखा। सर्वेक्षण में कहा गया है कि नई निर्यात बिक्री मध्यम गति से बढ़ी जो आठ महीनों में संयुक्त रूप से सबसे धीमी गति थी। कीमतों के मोर्चे पर, इनपुट लागत लगभग साढ़े तीन साल में दूसरी सबसे धीमी दर से बढ़ी और शुल्क मुद्रास्फीति नौ महीने के निचले स्तर पर आ गई।

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