Highlights
- चार हफ्ते बाद जारी की गई डेटा
- गोल्ड रिजर्व का मूल्य 1.140 अरब डॉलर बढ़ कर 39.642 अरब डॉलर पर पहुंचा
- पहली तिमाही के दौरान शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 13.6 अरब डॉलर
Indian Foreign Reserve: भारत का विदेश मुद्रा भंडार एक बार फिर बढ़ गया है। इसके पीछे की वजह विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार में पैसा इंवेस्ट करना है। 29 जुलाई को भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.4 अरब डॉलर का इजाफा हुआ। उससे पहले लगातार चार हफ्ते तक कमी देखी गई थी।
चार हफ्ते बाद जारी हुआ डेटा
पिछले हफ्ते शेयर बाजार में लगभग हर रोज तेजी देखी गई। उस दौरान काफी मात्रा में विदेशी निवेशकों ने पैसा भारतीय बाजार में लगाया। चार हफ्ते बाद जारी की गई डेटा में आरबीआई ने जानकारी दी कि 29 जुलाई 2022 को सप्ताह के अंत होते-होते भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 573.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया। जो बीते जुलाई के पहले हफ्ते में 8.062 डॉलर घटकर 580.252 डॉलर रह गया था।
गोल्ड रिजर्व में आई तेजी
जुलाई के आखिरी सप्ताह में गोल्ड रिजर्व का मूल्य 1.140 अरब डॉलर बढ़ कर 39.642 अरब डॉलर पर पहुंच गया। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (SDR) में भी बढ़ोतरी देखने को मिली। वह 2.2 करोड़ डॉलर बढ कर 17.985 अरब डॉलर पर जा पहुंचा। आईएमएफ में रखे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 3.1 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई, जिसके बाद रिजर्व डॉलर 4.991 अरब के पार पहुंच गया।
विदेशी निवेश में आई वृद्धि
हाल ही में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि घरेलू अर्थव्यवस्था लगातार बढ रही है। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के दौरान शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 13.6 अरब डॉलर था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के तुलना में 11.6 अरब डॉलर से अधिक है। अप्रैल-जून 2022 के दौरान निर्यात में भी 24.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, हालांकि जुलाई में कुछ कमी देखने को मिली है। 2023-24 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी विकास दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
विदेशी मुद्रा में बढ़ोतरी के बावजूद बढ़ा रेपो रेट
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बड़ी बढ़ोत्तरी की है। बता दें कि पिछले महीने, जून 2022 को, RBI ने Repo Rate को 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.90% कर दिया था, जबकि इससे पहले 4 मई 2022 को, आरबीआई ने पॉलिसी रेपो रेट को 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.40% करके सबको चौंका दिया था। तब स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर को 4.15% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट और बैंक रेट को 4.65% पर एडजस्ट किया था।