दुनिया भर में बीता साल कारोबार के लिहाज से काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। यूरोप में महंगाई, रूस और यूक्रेन युद्ध के साथ ही चीन में कोरोना संकट ने वैश्विक कारोबार को मंदी की ओर धकेल दिया था। लेकिन इस वैश्विक संकट के बीच भी भारत में बने प्रोडक्ट की दुनिया भर में मांग तेजी से बढ़ी है। सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार बीते वित्त वर्ष 2022-23 में भारत से होने वाले निर्यात में 6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुुरुवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि देश का निर्यात बीते वित्त वर्ष 2022-23 में 6 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 447 अरब डॉलर रहा। यदि निर्यात होने वाली प्रमुख वस्तुओं की बात करें तो मुख्य रूप से पेट्रोलियम, औषधि, रसायन तथा समुद्री उत्पादों के क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन से निर्यात अच्छा रहा है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में निर्यात 422 अरब डॉलर था। गोयल ने कहा कि वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात नई ऊंचाई पर पहुंचा है और 2022-23 में 14 प्रतिशत बढ़कर 770 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले 676 अरब डॉलर था। गोयल ने कहा कि ‘‘यह वास्तव में भारत के अंतरराष्ट्रीय बाजार में विस्तार का संकेत है।’’
आयात में 16.5 प्रतिशत की वृद्धि
भारत से निर्यात में भले ही 6 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली हो, लेकिन आयात में बेतहाशा वृद्धि ने इस खुशी पर पानी फेर दिया है। बीते साल भारत के निर्यात में 16.5 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है। देश का आयात बढ़कर 714 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले 2021-22 में 613 अरब डॉलर था।
सेवा निर्यात में 27 प्रतिशत की वृद्धि
देश का सेवा निर्यात भी 2022-23 में 27.16 प्रतिशत बढ़कर 323 अरब डॉलर रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 254 अरब डॉलर था। मंत्री ने रोम में संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत के निर्यात का प्रदर्शन शानदार रहा है। देश से कुल निर्यात 2022-23 में 770 अरब डॉलर की नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में यह 14 प्रतिशत अधिक है। 2020 में यह 500 अरब डॉलर तथा 2021-22 में 676 अरब डॉलर था।’’