भारत का उपभोक्ता टिकाऊ सामान (कंज्यूमर ड्यूरेबल) बाजार साल 2027 तक दुनिया में चौथे नंबर पर काबिज होगा। साथ ही उद्योग निकाय सीआईआई ने सोमवार को यह बात कही। सीआईआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2030 तक भारत का उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार 5 लाख करोड़ रुपये के आकार को छूने की उम्मीद है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, सीआईआई की राष्ट्रीय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और टिकाऊ सामान समिति के अध्यक्ष बी त्यागराजन ने कहा कि देश के उत्पाद वैश्विक विश्वसनीयता की तरफ बढ़ रहे हैं, लेकिन एक मजबूत गुणवत्ता ईकोसिस्टम का निर्माण करना और इस क्षेत्र में मानकीकरण को अपनाना और वैश्विक स्तर पर भारतीय मानकों का निर्यात करना भी जरूरी है।
मूल्य शृंखला में कई अवसर पैदा होने की उम्मीद
खबर के मुताबिक, सीआईआई उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और टिकाऊ सामान शिखर सम्मेलन 2024 में बोलते हुए त्यागराजन, जो ब्लू स्टार लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक भी हैं, ने आगे कहा कि अगले दशक में इस क्षेत्र में मूल्य शृंखला में कई अवसर पैदा होने की उम्मीद है। उन्होंने जोर देकर कहा कि तैयार माल के साथ-साथ स्वदेशी घटक पारिस्थितिकी तंत्र (ईकोसिस्टम) के विकास से लेकर घरेलू पैमाने पर सही फोकस के साथ, भारत के वैश्विक विनिर्माण महाशक्ति बनने की संभावनाएं बहुत अच्छी हैं। त्यागराजन ने कहा कि भारत पहले से ही दुनिया में उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के लिए सबसे तेजी से बढ़ता प्रमुख बाजार है और 2027 तक चौथा सबसे बड़ा बाजार बनने की उम्मीद है।
सरकार के समर्थन की सराहना
सीआईआई ने कॉम्पिटीशन को बढ़ावा देने और भारत को एक आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से उन्नत वैश्विक खिलाड़ी बनाने के लिए पीएलआई योजना सहित विभिन्न पहलों के माध्यम से इस क्षेत्र को सरकार के समर्थन की सराहना की। उनका यह भी कहना है कि हम जो गति देख रहे हैं, वह एक स्पष्ट संकेत है कि भारत वैश्विक विनिर्माण मंच के एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है और हम देश के सकल घरेलू उत्पाद में 25 प्रतिशत योगदान करने के लिए विनिर्माण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से ट्रैक पर हैं। 500 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक एफडीआई और 8.5 लाख से अधिक नौकरियों के सृजन के साथ, डेवलपमेंट पर कोई विवाद नहीं है।
एयर कंडीशनिंग क्षेत्र में दुनिया में सबसे बड़ा बनेगा भारत
सीआईआई ने कहा कि उदाहरण के लिए, एयर कंडीशनिंग क्षेत्र 2040 तक दुनिया में सबसे बड़ा बनने की उम्मीद है। त्यागराजन ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारतीय मानकों को अपनाकर और उनका प्रचार करके हम अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ा सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारे उत्पाद दुनिया भर के उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं को पूरा करें। हालांकि, उन्होंने कहा कि जबकि हमने महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल की हैं, क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए अभी भी और काम किया जाना बाकी है इनोवेशन सबसे महत्वपूर्ण है।