सरकार ने बुधवार को कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए कोयला उत्पादन का लक्ष्य एक अरब टन से ज्यादा रखा गया है। कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''कुल लक्ष्य में से सरकारी कंपनी कोल इंडिया को 78 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। इसके अलावा सिंगरेनी कॉलरीज कंपनी लिमिटेड (एसीसीएल) को 7.5 करोड़ टन और वाणिज्यिक खदानों से 16.2 करोड़ टन कोयले के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।'' बयान के अनुसार, ''कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2023-24 में एक अरब टन से ज्यादा कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है।''
इस लक्ष्य को पाने के लिए कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी कोयला कंपनियों के साथ गहराई से समीक्षा की है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के अंतर्गत 290 खदानें संचालित हैं, जिनमें से 97 खदानें हर साल 10 लाख टन कोयले का उत्पादन करती हैं। इन सभी 97 कोयला खदानों के लिए, भूमि अधिग्रहण, वन विभाग से मंजूरी, पर्यावरण विभाग से मंजूरी, रेल संपर्क और सड़क संपर्क के मुद्दों पर चर्चा हुई और इनकी समयावधि तय की गई। कोयला कंपनियों के लगातार प्रयासों से 97 कोयला खदानों में से 56 में कोई मुद्दा लंबित नहीं है।
सिर्फ 41 खदानों में 61 मुद्दे हैं, जिनके लिए कोयला कंपनियों द्वारा संबद्ध राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों के साथ मिलकर नजर रखी जा रही है। सीआईएल ने वित्त वर्ष 2021-22 में 62.2 करोड़ टन कोयला जबकि मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक 51.3 करोड़ टन कोयले का उत्पादन कर चुका है। ऐसी उम्मीद है कि कोल इंडिया का उत्पादन मौजूदा वित्त वर्ष में तय 70 करोड़ टन उत्पादन लक्ष्य को पार कर जाएगा और वर्ष 2023-24 में 78 करोड़ टन कोयले का उत्पादन करेगी।