Friday, November 15, 2024
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बासमती चावल के भरोसे टिका मजबूर पाकिस्तान, भारत से कर रहा कॉम्पिटीशन

बीते साल भारत का निर्यात रिकॉर्ड ऊंचाई पर जा पहुंचा था। उत्पादन में बढ़ोतरी के चलते पाकिस्तान भारत की तुलना में कम कीमतों में बासमती चावल की पेशकश कर रहा है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: February 29, 2024 17:42 IST
भारत ने बासमती चावल शिपमेंट पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगा दिया था।- India TV Paisa
Photo:FREEPIK भारत ने बासमती चावल शिपमेंट पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगा दिया था।

बासमती चावल को लेकर इंडस्ट्री के अधिकारियों का कहना है कि प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान उत्पादन में उछाल के बीच काफी कॉम्पिटिटिव दाम पर चावल ऑफर कर रहा है। ऐसे में भारत के बासमती चावल के निर्यात में गिरावट आने की संभावना दिख रही है। हालांकि बीते साल भारत का निर्यात रिकॉर्ड ऊंचाई पर जा पहुंचा था। रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान अपनी खुशबू के लिए प्रसिद्ध चावल की प्रीमियम लंबे दाने वाली किस्म के ईरान, इराक, यमन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में अग्रणी निर्यातक हैं।

साल 2023 में भारत का चावल निर्यात

खबर के मुताबिक, उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान से कम सप्लाई और आयातक देशों द्वारा भंडारण की कोशिशों के चलते भारत का बासमती चावल का निर्यात एक साल पहले की तुलना में 11.5% बढ़कर 2023 में 4.9 मिलियन मीट्रिक टन हो गया, जो साल 2020 में 5 मिलियन टन के रिकॉर्ड उच्च स्तर से कुछ ही कम है। सरकारी आंकड़े यह भी बताते हैं कि ऊंची कीमतों के चलते, बासमती चावल शिपमेंट ने दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक को साल 2023 में रिकॉर्ड 5.4 बिलियन डॉलर जुटाने में मदद की, जो पिछले साल से लगभग 21% ज्यादा है।

बढ़ सकता है इस्लामाबाद का कल चावल निर्यात

हरियाणा के एक प्रमुख एक्सपोर्टर विजय सेतिया ने कहा कि पिछले साल, जब पाकिस्तान उत्पादन के मुद्दों का सामना कर रहा था, तब खरीदार स्टॉक करने के लिए भागम-भाग कर रहे थे। हालांकि, इस साल, उत्पादन में बढ़ोतरी के चलते पाकिस्तान भारत की तुलना में कम कीमतों की पेशकश कर रहा है। राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान (आरईएपी) के अध्यक्ष चेला राम केवलानी ने पिछले महीने कहा था कि वित्त वर्ष 2023-24 में इस्लामाबाद का कुल चावल निर्यात बढ़कर 5 मिलियन टन हो सकता है, जो पिछले साल के 3.7 मिलियन टन से ज्यादा है।

पाकिस्तानी चावल इस वजह से भी है अधिक कॉम्पिटिटिव

केआरबीएल लिमिटेड केआरबीएल.एनएस में थोक निर्यात के प्रमुख अक्षय गुप्ता का कहना है कि पाकिस्तानी रुपये के मूल्यह्रास ने पाकिस्तान के निर्यात को और अधिक कॉम्पिटिटिव बना दिया है। गुप्ता ने कहा कि इस बीच, भारत में बासमती चावल के उत्पादन में अनुमानित 10% की वृद्धि के बीच निर्यात मांग में कमी के चलते देश में बासमती की कीमतों में गिरावट आनी शुरू हो गई है। भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा एकत्र किए आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय बासमती चावल के सबसे बड़े खरीदार ईरान ने 2023 में खरीद में 36% की कमी की, लेकिन इराक, ओमान, कतर और सऊदी अरब को हाई शिपमेंट ने कमी को पूरा कर दिया।

एमईपी लगाने से भी निर्यात घटी

नई दिल्ली स्थित एक एक्सपोर्टर ने कहा कि सरकार द्वारा बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाए जाने के कारण सितंबर और अक्टूबर में भारतीय निर्यात की गति कम हो गई थी, हालांकि जल्द ही इसमें सुधार हो गया। अगस्त में, भारत ने बासमती चावल शिपमेंट पर एमईपी 1,200 डॉलर प्रति टन लगाया, जो प्रचलित बाजार दरों से अधिक था, अक्टूबर में इसे घटाकर 950 डॉलर कर दिया। हालांकि, जनवरी में निर्यात फिर से लड़खड़ाना शुरू हो गया। बताया गया  कि निकट अवधि में इसमें और गिरावट आ सकती है क्योंकि लाल सागर के जरिये शिपिंग में व्यवधान के कारण माल ढुलाई लागत में बढ़ोतरी के चलते खरीदार खरीदारी में देरी कर रहे हैं।

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