भारत ऐसे देशों के साथ भारतीय रुपये में व्यापार करने को तैयार है जो डॉलर की कमी या मुद्रा की विफलता का सामना कर रहे हैं। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने शुक्रवार को यह कहा। विदेशी व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 की घोषणा होने के बाद बर्थवाल ने कहा कि सरकार रुपये में भुगतान की प्रणाली को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया कि भारतीय रुपये को वैश्विक मुद्रा बनाने के उद्देश्य के साथ एफटीपी में बदलाव किए गए हैं जिससे कि उसमें विदेशी व्यापार लेनदेन संभव हो सकें।
इस मौके पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भरोसा जताया कि 2030 तक 2000 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य प्राप्त हो जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी उद्योग महज सब्सिडी या सहारे के आधार पर सफल नहीं हो सकता है। गोयल ने कहा कि आने वाले दिनों में निर्यात को लेकर विचार में भी बदलाव आएगा।
विदेशी व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष सारंगी ने कहा कि एफटीपी 2023 की घोषणा नीति निरंतरता और एक उत्तरदायी ढांचा प्रदान करने के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि अग्रिम अधिकृतता और ईपीसीजी अधिकृतता धारकों के लिए एफटीपी के तहत निर्यात दायित्व में चूक के एकमुश्त निपटान के लिए आम माफी योजना शुरू की गई है।