भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में 36.43 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) गैस का उत्पादन किया। देश की इस बड़ी उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एनर्जी के क्षेत्र में भारत की 'आत्मनिर्भरता' की सराहना की। पीएम मोदी ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर लिखा, "इस उपलब्धि के लिए देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई! एनर्जी के क्षेत्र में हमारी आत्मनिर्भरता विकसित भारत के संकल्प को प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण है। गैस उत्पादन का ये रिकॉर्ड इस दिशा में हमारी प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष प्रमाण है।"
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने साझा किए आंकड़े
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक एक्स पोस्ट में बताया था कि देश ने गैस उत्पादन के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान हासिल किया है। 2020-21 में गैस का उत्पादन 28.7 बीसीएम था। 2023-24 में इसे बढ़ाकर 36.43 बीसीएम कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों में ऐसा अनुमान लगाया गया है कि साल 2026 में भारत द्वारा किया जाने वाला गैस का उत्पादन 45.3 बीसीएम होगा।
केंद्रीय मंत्री ने एक्स पर लिखा, "आंकड़े प्रमाण हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में भारतवर्ष एक नई ऊर्जा, नई उमंग व नए संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में देश ने गैस उत्पादन के क्षेत्र में एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए आत्मनिर्भरता की गति को और तेजी दी है।"
भारत एकमात्र देश, जहां फ्यूल की कीमतों में आई कमी
इससे पहले 29 जुलाई को हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां फ्यूल की कीमतें वास्तव में कम हुई हैं। संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुरी ने कहा था, "आज भारत में ईंधन की कीमतें सबसे कम हैं और ये एकमात्र ऐसा देश है, जहां पिछले 2.5-3 सालों में कीमतों में वास्तव में कमी आई है। ये उपलब्धि हमारे प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए साहसिक, महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी फैसलों की देन है।"
ऑयल मार्केटिंग कंपनियां निर्धारित करती हैं पेट्रोल और डीजल की कीमतें
केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को 2010 और 2014 में नियंत्रण मुक्त किया गया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नियंत्रण मुक्त करने का मतलब है कि ईंधन की कीमतें सरकार द्वारा निर्धारित किए जाने के बजाय ऑयल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा निर्धारित की जाती हैं।
पिछली सरकार द्वारा लिए गए फैसलों पर विचार करते हुए, हरदीप सिंह पुरी ने 1,41,000 करोड़ रुपये के ऑयल बॉन्ड जारी करने का उल्लेख किया, जिसके लिए आज 3,20,000 करोड़ रुपये की पेमेंट्स की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि मौजूदा सरकार उचित ईंधन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इस क्षेत्र की विनियमन-मुक्त प्रकृति के कारण वह विवश है।