Data Center: बढ़ती मांग को देखते हुए भारत में 45 नए डेटा केंद्र बनाए जाएंगे, जिसकी क्षमता 1.3 करोड़ वर्ग फुट और 1,015 मेगावाट की होगी। इसके लिए 2025 तक का समय निर्धारित किया गया है। एनारॉक-बिंग्सवेंगर की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 के अंत तक देश में 2.4 करोड़ वर्ग फुट और कुल आईटी क्षमता के 1,752 मेगावाट के साथ 183 डेटा सेंटर होंगे।
आईटी क्षमता (लगभग 1,015 मेगावाट) के संदर्भ में नई आपूर्ति का 69 प्रतिशत से अधिक केवल मुंबई और चेन्नई में आएगा, उसमें से 51 प्रतिशत तो सिर्फ मुंबई में स्थापित करे की योजना है। वर्तमान में देश भर में 1.1 करोड़ वर्ग फुट में फैले 138 डेटा केंद्र हैं और 737 मेगावाट की आईटी क्षमता (बिल्डिंग तैयार) है। मौजूदा आईटी क्षमता का कम से कम 57 प्रतिशत सामूहिक रूप से मुंबई और चेन्नई में है।
2025 तक डेटा सेंटर की मांग 2,100 मेगावाट होने की उम्मीद
एनारॉक कैपिटल में औद्योगिक और लॉजिस्टिक और डेटा केंद्र के प्रेसिडेंट देवी शंकर ने कहा, "भारत के डेटा सेंटर उद्योग का वर्तमान आकार लगभग 5.6 अरब डॉलर है और यह बढ़ना तय है। वित्त वर्ष 2025 तक देश के कुल अनुमानित डेटा सेंटर की मांग 2,100 मेगावाट होने की उम्मीद है, जिसमें हाइपरस्केलर्स और उद्यमों के बीच का मिश्रण है।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लगभग 2,688 मेगावाट भविष्य की अनियोजित आपूर्ति की अतिरिक्त संभावना है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, "इस आपूर्ति के लिए जमीन डीसी ऑपरेटरों ने दे दी है, लेकिन परियोजनाओं की वास्तविक मांग और पहले के नियोजित चरणों के परिणाम के आधार पर योजना बनाई जाएगी।"
कोविड महामारी के बाद डेटा में आई रिकॉर्ड वृद्धि
इस अनियोजित आईटी क्षमता का लगभग 78 प्रतिशत मुंबई और हैदराबाद में केंद्रित किया जाना है। बिन्सवांगर के मैनेजिंग पार्टनर जेफ बिनवांगर ने कहा, "डेटा सेंटर का होना बहुत सारे निर्णय लेने के लिए एक आधार है।" जहां 30 प्रतिशत कंपनियां डेटा प्रबंधन के लिए हाइब्रिड (क्लाउड प्लस डेटा सेंटर) होस्टिंग सेवाओं की ओर देख रही हैं, वहीं 72 प्रतिशत पेशेवरों ने कोविड-19 के बाद डेटा वृद्धि देखी है। उम्मीद जताई जा रही है कि बढ़ते टेक्नोलॉजी और नेटवर्क की उपलब्धता के चलते डेटा में वृद्धि देखने को मिल सकती है।