RBI Governor: इंडिया के पेमेंट इकोसिस्टम का लोहा दुनिया मान चुकी है। हाल ही में भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और सिंगापुर के PayNow को लिंक करने का ऐलान किया गया था। इसके बाद से भारतीय सिंगापुर में भी यूपीआई की मदद से पेमेंट करने में सक्षम होंगे। अब इसे धीरे-धीरे नेक्स्ट लेवल पर ले जाने के लिए सरकार की कोशिश जारी है। इसी कड़ी में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को पेमेंट सिस्टम को ग्लोबल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता का इस्तेमाल वैश्विक स्तर पर भारत की ई-पेमेंट कहानी को बताने और यूपीआई तथा रूपे जैसे पेमेंट प्रोडक्ट्स के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए करना चाहिए।
RBI गवर्नर ने कही बड़ी बात
दास ने यहां भुगतान प्रणाली परिचालक (PSO) सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत के स्वदेशी भुगतान उत्पाद जैसे- यूपीआई और रुपे नेटवर्क अपनी वैश्विक उपस्थिति बढ़ा रहे हैं और इनसे सीमा पार भुगतान आसान होगा। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के भुगतान विजन 2025 के तहत, हम 'ई-भुगतान सभी के लिए, हर जगह, हर वक्त' के ध्येय के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें अपने भुगतान उत्पादों का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के लिए हर अवसर का लाभ उठाना चाहिए। यह एक नयी दुनिया खोलेगा। हमारे देश के लिए अवसर तैयार होंगे। यह जी20 की भारत की अध्यक्षता का साल है। आइए हम भारत की कहानी पूरी दुनिया को बताएं।
टेक्नोलॉजी का है ये दौर
गवर्नर ने आगे कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के तेजी से वैश्विक प्रणाली के साथ जुड़ने के साथ ही सीमा पार भुगतान अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि यूपीआई और रूपे नेटवर्क जैसे हमारे घरेलू भुगतान उत्पाद अपनी वैश्विक पहुंच बढ़ा रहे हैं। सिंगापुर के पेनाउ के साथ यूपीआई को जोड़ने की शुरुआत इस दिशा में एक बड़ा कदम है। बता दें कि कुछ दिन पहले भारत और सिंगापुर में पेमेंट समझौता पर बात करते हुए कहा था कि आज के दौर में टेक्नोलॉजी हमें कई तरह से एक-दूसरे से जोड़ती है। फिनटेक एक ऐसा क्षेत्र है जो लोगों को एक दूसरे से जोड़ता है। आम तौर पर यह एक देश की सीमाओं के भीतर ही सीमित है, लेकिन आज के लॉन्च ने क्रॉस-बॉर्डर फिनटेक कनेक्टिविटी का एक नया अध्याय शुरू किया है, जिसका बेसब्री से इंतजार था।