ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत तेजी से ग्रीन एनर्जी की ओर शिफ्ट कर रहा है। भारत में अभी कोयले से मुख्यत: बिजली का उत्पादन होता है, लेकिन अब भारत अपने ऊर्जा उत्पादन में कोयले का इस्तेमाल कम कर रहा है। देश का लक्ष्य 2030 तक 64 प्रतिशत से अधिक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता हासिल करने का है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य रखा है। हालांकि, कोयला आधारित उत्पादन बिजली पारेषण ग्रिड के परिचालन की स्थिरता को सुनिश्चित करता है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के चेयरमैन घनश्याम प्रसाद ने बीसीसीएंडआई पर्यावरण और ऊर्जा सम्मेलन में यहां कहा, ‘‘ यह सच नहीं है कि हम कोयला कम नहीं कर रहे हैं। हम ऊर्जा बदलाव के कारोबार में हैं, लेकिन प्रत्येक उपभोक्ता की ऊर्जा सुरक्षा तथा आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए हमें वाणिज्यिक, घरेलू और औद्योगिक सहित सभी प्रकार के उपभोक्ताओं को बिजली प्रदान करनी है।’’
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, भारत में करीब 423 गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता है, जिसमें 206 गीगावाट कोयला आधारित और करीब सात गीगावाट लिग्नाइट आधारित क्षमता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत पहले से ही 45 प्रतिशत (गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता) पर है और उसके लिए 50 प्रतिशत (ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा) तक पहुंचना कोई चुनौती नहीं है। देश ने 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता का 64 प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य रखा है।