वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश करेंगी। अलग-अलग क्षेत्रों से सम्बंधित संस्थाओं ने सरकार को अपने-अपने सुझाव भेज दिए हैं। विभिन्न इंडस्ट्री क्षेत्रों से जुड़े एक्सपर्ट्स को आगामी बजट से टैक्स सम्बंधित छूट और वित्तीय सहायता को लेकर काफी उम्मीदें है ताकि उत्पादन को बढ़ाया जा सके और जीडीपी में उल्लेखनीय इजाफा हो सके। आइए जानते हैं कि इंडस्ट्री एक्सपर्ट को 2023-24 बजट से क्या उम्मीदें है?
भारत दुनिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजारों में से एक
Exalta के संस्थापक आशुतोष वर्मा ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजारों में से एक है। इसीलिए हम इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार से सब्सिडी बढ़ाए जाने की उम्मीद करते है, जिससे इस क्षेत्र का और अधिक विस्तार हो सके। भारत में ई-मोबिलिटी को अपनाने में तेजी लाने के लिए ईवी चार्जिंग और स्वैपिंग के लिए बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इससे अदला-बदली और चार्ज करने में मदद मिल सकें। इसके अलावा सरकार को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कुछ ऐसी अन्य योजनाएं भी लानी चाहिए, जिससे इसके क्षेत्र का तेजी से विस्तार हो सके। चूकि यह इंडस्ट्री ग्रीन व क्लीन एनर्जी से सम्बन्धित है, इसलिए मेरा मानना है कि बैटरी स्वैपिंग सम्बन्धित नीति निर्धारण और बैटरी को सेवा क्षेत्र के रूप में मान्यता देने से ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने, इसके रिसर्च व डेवलपमेंट को बढ़ावा देने और ईवी वाहनों के प्रचलन को बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही ग्राहकों के लिए यह काफी किफायती भी साबित होगा।
जीएसटी कम करने पर सरकार कर सकती है पहल
Aponyx EV के संस्थापक और अध्यक्ष एमएस चुघ ने बजट 2023-24 की पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमारी इंडस्ट्री सरकार से वित्तीय प्रोत्साहन योजना की अवधि बढ़ाने की उम्मीद कर रहा है, जो पिछले साल FAME-II के तहत इंडस्ट्री को प्रदान की गई थी। इसके अतिरिक्त आगामी बजट में ईवी इंडस्ट्री को उम्मीद है कि सरकार लास्ट-माइल डिलीवरी और स्पेयर पार्ट्स की बिक्री के लिए जीएसटी कम करेगी, साथ ही देश भर में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए 50% सब्सिडी की घोषणा करेगी। ईवी इंडस्ट्री के विकास में तेजी लाने के लिए इस तरह के कदम अतिआवश्यक हैं, जो अभी अपने शुरुआती चरण में है। 2022-2023 का बजट इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने पर केंद्रित था। FAME-II के तहत सरकार ने EVs की मांग बढ़ाने के लिए कुल 10,000 करोड़ रुपये की वित्तीय प्रोत्साहन की पेशकश की थी। यदि सरकार इस वित्तीय प्रोत्साहन की अवधि का विस्तार करती है तो यह निर्माताओं और उपभोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद होगा। FAME II की वैधता 31 मार्च 2024 को समाप्त होने वाली है, इसलिए EV कंपनियों को सरकार से उम्मीद है कि वह एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाएगी और कार्यक्रम की वैधता को 2024 से आगे बढ़ा देगी।
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