आज के समय में पूरी दुनिया मंदी की चिंता से परेशान है। कुछ देश मंदी की चपेट में भी आ गये हैं। हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि जल्द हालात पर काबू नहीं पाया गया तो 2023 की शुरुआत में एक बड़ी मंदी आ जाएगी। भारत में मंदी आने के सवालों पर सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर एक साथ कई संकट पैदा होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर हालत में है और इसकी वृद्धि की अच्छी रफ्तार बनी हुई है।
ये हैं बड़े कारण
नागेश्वर ने उद्योग मंडल 'इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स' (आईसीसी) के वार्षिक अधिवेशन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया इस समय बहु-संकट के दौर से गुजर रही है जिसमें बढ़ती महंगाई, सख्त मौद्रिक कदम, ऊंची ब्याज दर, रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन में सुस्ती जैसे पहलू शामिल हैं।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अप्रत्याशित
उन्होंने कहा, "इस समय देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है वे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अप्रत्याशित हैं, लेकिन भारत मजबूत स्थिति में है और इसकी वृद्धि रफ्तार भी अच्छी है। भारत की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत से सात प्रतिशत तक रहेगी जो 7.4 प्रतिशत की मुद्रास्फीति को देखते हुए अच्छी दर है।"
भारत को इन बातों पर फोकस करने की जरूरत
सीईए ने कहा कि भारत को इस समय वृहद-आर्थिक स्थिरता बनाए रखने, विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने और उसके न्यायसंगत उपयोग के अलावा व्यापार घाटे पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "कच्चे तेल के अधिक आयात बिल से पैदा हुए व्यापार घाटे का वित्तपोषण करना देश के लिए एक चुनौती है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की आवक स्थिर है जबकि डॉलर के आकर्षक होने से पोर्टफोलियो निवेश में उतार-चढ़ाव बना हुआ है।"