Highlights
- भारत को 30.07 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ
- वाणिज्य मंत्रालय की अन्वेषण इकाई डीजीटीआर की सिफारिशों के बाद ये शुल्क लगाए गए हैं
- सस्ते माल की डम्पिंग की वजह से घरेलू उद्योग को नुकसान उठाना पड़ता है- डीजीटीआर
नयी दिल्ली: चीन से सस्ते सामान के आयात के कारण स्थानीय विनिर्माताओं को संभावित नुकसान से बचाने के लिए भारत ने पांच उत्पादों के आयात पर पांच वर्ष के लिए डम्पिंग-रोधी शुल्क लगाया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की तरफ से जारी अलग-अलग अधिसूचनाओं के मुताबिक डम्पिंग-रोधी शुल्क एल्युमिनियम के कुछ उत्पादों, सोडियम हाइड्रोसल्फाइट, सिलिकॉन सीलैंट, हाइड्रोफ्लोरोकार्बन के घटक आर-32 और हाइड्रोफ्लोरोकार्बन ब्लैंड्स पर लगाया गया है।
वाणिज्य मंत्रालय की अन्वेषण इकाई ‘व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर)’ की सिफारिशों के बाद ये शुल्क लगाए गए हैं। डीजीटीआर ने अलग-अलग जांचों में यह निष्कर्ष निकाला कि चीन से इन उत्पादों का भारतीय बाजारों को निर्यात सामान्य मूल्य से कम कीमत पर किया जाता है जिसकी वजह से सस्ते माल को खपाने की गतिविधि 'डम्पिंग' होती है।
डीजीटीआर ने कहा कि सस्ते माल की डम्पिंग की वजह से घरेलू उद्योग को नुकसान उठाना पड़ता है। घरेलू विनिर्माताओं को चीन से होने वाले सस्ते आयात के कारण घाटे से बचाने के लिए सीबीआईसी ने ट्रेलर में लगने वाले घटक एक्सेल पर भी शुल्क लगाया है। अप्रैल-सितंबर 2021 की अवधि में भारत का चीन को निर्यात 12.26 अरब डॉलर का था, जबकि आयात 42.33 अरब डॉलर था। इस तरह भारत को 30.07 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ।