रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा कि भारतीय रेलवे द्वारा विकसित हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाला ट्रेन इंजन दुनिया में सबसे अधिक हॉर्स पावर वाला इंजन है। वैष्णव ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के ‘‘हरित जुड़ाव: प्रवासियों का सतत विकास में योगदान’’ शीर्षक से एक पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। वैष्णव ने बताया कि दुनिया में केवल चार देश ही ऐसे ट्रेन इंजन बनाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वे 500 से 600 हॉर्स पावर के बीच वाले इंजन का उत्पादन करते हैं, जबकि भारतीय रेलवे द्वारा स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके निर्मित इंजन की क्षमता 1,200 हॉर्स पावर है, जो इस श्रेणी में अबतक का सबसे अधिक है।’’
जींद-सोनीपत रूट पर होगा परीक्षण
मंत्री ने कहा कि इस तरह की पहली ट्रेन का जल्द ही हरियाणा में जींद-सोनीपत मार्ग पर परीक्षण होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इंजन निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन वर्तमान में इसकी प्रणाली का एकीकरण चल रहा है। मंत्री ने कहा कि इस तरह की तकनीकी उन्नति से देश को आत्मविश्वास मिलता है और भारत को तकनीकी आत्मनिर्भरता हासिल करने के मामले में अभी लंबा सफर तय करना है तथा प्राइस चेन का हिस्सा बनने की जरूरत है। मॉरीशस के विदेश मामलों के कनिष्ठ मंत्री हंब्याराजन नरसिंहन, जिन्होंने पैनल चर्चा में भाग लिया, ने अपने देश में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया तथा हरित प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान करने में भारत से समर्थन मांगा।
क्या होता है हाइड्रोजन इंजन
इस समय पूरी दुनिया पर्यावरण को लेकर चिंतित है। जीरो कार्बन इमिशन की बात हो रही है। ऐसे में परिवहन के भी नए तरीके खोजे जा रहे हैं, जिनसे कम से कम कार्बन उत्सर्जन हो। इसी कड़ी में हाइड्रोजन ट्रेन की परिकल्पना सामने आई। इस ट्रेन को चलाने के लिए डीजल या बिजली का यूज नहीं होता, बल्कि हाइड्रोजन फ्यूल का उपयोग होता है। इसमें या तो हाइड्रोजन इंटरनल कंबनशन इंजन में हाइड्रोजन बर्न कर पावर मिलता है या फिर इंजन के इलेक्ट्रिक मोटर को चलाने के लिए हाइड्रोजन फ्यूल सेल का ऑक्सीजन के साथ रिएक्शन कराया जाता है।