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भारत की GDP को लेकर आई एक और बड़ी खुशखबरी! आ गई लेटेस्ट रिपोर्ट

भारत की GDP वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही है, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 13.1 फीसदी थी।

Edited By: India TV News Desk
Updated on: August 31, 2023 19:01 IST
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Photo:PTI REPRESENTATIONAL 2023-24 की पहली तिमाही में जीडीपी 7.8 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी है।

नई दिल्ली: 2023-24 की पहली तिमाही में भारत की GDP 7.8 फीसदी बढ़ी है। बताया जा रहा है कि कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय यानी कि NSO की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते वित्त वर्ष 2022-23 की समान तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 13.1 प्रतिशत रही थी। इसके साथ ही भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से वृद्धि करने वाला देश बना हुआ है। चीन की जीडीपी वृद्धि दर अप्रैल-जून तिमाही में 6.3 प्रतिशत रही।

जानें, किस सेक्टर में कितनी रही ग्रोथ

बता दें कि जीडीपी से आशय देश में निश्चित अवधि में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य से है। एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में 3.5 प्रतिशत रही जो बीते वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 2.4 प्रतिशत थी। हालांकि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जून तिमाही में घटकर 4.7 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 6.1 प्रतिशत थी। जीडीपी वृद्धि दर 2022-23 की जनवरी-मार्च तिमाही में 6.1 प्रतिशत तथा अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.5 प्रतिशत थी। 

राजकोषीय घाटे को लेकर भी जारी हुए आंकड़े
बता दें कि सरकारी आंकड़ों में इससे पहले जानकारी दी गई थी कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 के पहले 4 महीने में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य के 33.9 प्रतिशत पर पहुंच गया है। गुरुवार को लेखा महानियंत्रक (CGA) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से लेकर जुलाई के अंत तक राजकोषीय घाटा वास्तविक संदर्भ में 6.06 लाख करोड़ रुपये था। पिछले साल की समान अवधि में राजकोषीय घाटा कुल बजट अनुमान का 20.5 प्रतिशत था।

पिछले वित्त वर्ष में 6.4 फीसदी था राजकोषीय घाटा
सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 5.9 प्रतिशत तक लाने का अनुमान लगाया था। पिछले वित्त वर्ष (2022-23) में राजकोषीय घाटा GDP का 6.4 फीसदी रहा था, जबकि शुरुआती अनुमान 6.71 प्रतिशत का था। सरकार की आय और व्यय के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। यह सरकार को आवश्यक कुल उधारी का संकेत है। चालू वित्त वर्ष के पहले 4 महीनों में केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय आंकड़े का ब्योरा देते हुए लेखा महानियंत्रक ने कहा कि इस अवधि में शुद्ध कर राजस्व 5.83 लाख करोड़ रुपये रहा जो पूरे वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 25 प्रतिशत था।

लेखा महानियंत्रक ने दिए कई और आंकड़े
अप्रैल-जुलाई, 2022 के अंत में शुद्ध कर राजस्व संग्रह 34.4 प्रतिशत था। अप्रैल-जुलाई, 2023 के दौरान केंद्र सरकार का कुल खर्च 13.81 लाख करोड़ रुपये रहा जो बजट अनुमान का 30.7 प्रतिशत है। एक साल पहले की समान अवधि में व्यय बजट अनुमान का 28.6 प्रतिशत रहा था। सरकार के कुल व्यय में से 10.64 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते और 3.17 लाख करोड़ रुपये पूंजी खाते से संबंधित थे।

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