भारत और चार यूरोपीय देशों (नॉर्वे, आइसलैंड, स्विटजरलैंड और लिकटेंस्टीन) के समूह ईएफटीए के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का उद्योग जगत ने स्वागत किया और कहा कि यह समझौता देश में इंजीनियरिंग, दवा, खाद्य प्रसंस्करण और परिधान जैसे क्षेत्रों में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में मदद करेगा। भारत ने रविवार को यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के साथ व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (TEPA) पर हस्ताक्षर किए। इससे यूरोप और भारत के बीच कारोबार बढ़ने की उम्मीद है।
100 अरब डॉलर का होगा निवेश
मुक्त व्यापार समझौते के तहत भारत को इन चार यूरोपीय देशों से अगले 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता मिली है। ईएफटीए में स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लीशटेंस्टीन शामिल हैं। तिरुपुर निर्यातक संघ के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि समझौते से आपसी व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय परिधान निर्यातकों को अपना कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी।
आयात शुल्क हटाया
नए मुक्त व्यापार समझौते के भारत की ओर से स्विट्जरलैंड की 95.3 प्रतिशत इंडस्ट्रीयल गुड्स (सोने को छोड़कर) पर सीमा शुल्क को पूरी तरह से या आंशिक रुप ये हटा देगा। वहीं, नॉर्वे की इंडस्ट्री मिनिस्टर क्रिश्चियन वेस्ट्रे ने कहा कि आज के समय में नॉर्वे द्वारा भारत को भेजी जाने वाले कई प्रोडक्ट्स पर 40 प्रतिशत तक सीमा शुल्क लगता है। इस समझौते के बाद यह शून्य हो जाएगा।
दोनों को होगा फायदा
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक,शक्तिवेल ने कहा कि निवेश प्रतिबद्धता से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। उद्योग निकाय भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) अध्यक्ष आर दिनेश ने कहा कि 100 अरब डॉलर के निवेश के लिए ईएफटीए सदस्यों की प्रतिबद्धता से इंजीनियरिंग, दवा, खाद्य प्रसंस्करण, परिधान और अन्य क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। इसी तरह के विचार साझा करते हुए व्यापार विशेषज्ञ और हाई-टेक गियर्स के अध्यक्ष दीप कपूरिया ने कहा कि ईएफटीए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक ब्लॉक है, क्योंकि यह वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार में दुनिया के शीर्ष दस में शामिल है।