भारत का चालू खाता घाटा (CAD) वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में घटकर 10.5 अरब डॉलर रह गया है। यह भारत की जीडीपी का 1.2 प्रतिशत के बराबर है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा मंगलवार को जारी की गई प्रेस रिलीज में ये जानकारी दी गई।
लगातार कम हो रहा चालू खाता घाटा
वित्त वर्ष 2023-24 में तिमाही दर तिमाही चालू खाता घाटे में गिरावट देखने को मिल रही है। जुलाई-सिंतबर में ये 11.4 अरब डॉलर या जीडीपी का 1.3 प्रतिशत था। वहीं, पिछले साल समान अवधि यानी अक्टूबर-दिसंबर 2022 में ये 16.8 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 2 प्रतिशत था। आरबीआई द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि आयतित माल पर सीमा शुल्क डेटा के समायोजन के कारण वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही का चालू खाता घाटा एक प्रतिशत से बढ़कर 1.3 प्रतिशत हो गया है। अप्रैल से दिसंबर की तिमाही में चालू खाता घाटा 1.2 प्रतिशत रहा है, जो कि एक वर्ष पहले 2.6 प्रतिशत पर था।
व्यापारिक घाटा बढ़ा
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में व्यापारिक घाटे में मामूली उछाल देखने को मिला है। यह बढ़कर 71.6 अरब डॉलर हो गया है, जो कि एक वर्ष पहले करीब 71.3 अरब डॉलर था। हालांकि, इस दौरान सेवाओं के निर्यात में 5.2 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। आरबीआई द्वारा जारी प्रेस रिलीज में बताया गया कि सेवाओं के निर्यात में बढ़ोतरी होने से चालू खाते घाटे में कमी आई है।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा बताया गया कि भारत का व्यापारिक घाटा लगातार बढ़ रहा है। फरवरी 2024 में ये 18.71 अरब डॉलर रहा है। जनवरी में ये 17.49 अरब डॉलर था। जबकि, फरवरी 2023में व्यापारिक घाटा 16.57 अरब डॉलर रहा है। अप्रैल 2023-फरवरी 2024 के लिए, भारत का माल व्यापार अंतर 225.20 अरब डॉलर था, जो 2022-23 के पहले 11 महीनों में 245.94 अरब डॉलर से कम है। यह इस अवधि के दौरान साल-दर-साल आधार पर 8.43 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है।