जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप के चेयरमैन और सीईओ मासायोशी सोन का मानना है कि भू-राजनीतिक कारणों से चिप डिजाइन के सेक्टर में भारत एक बड़े देश के रूप में उभर सकता है। सूत्रों ने ये जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने भारत में अपनी पोर्टफोलियो कंपनियों के फाउंडरों से आने वाले 10 साल की प्लानिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने के लिए कहा है। अपनी दो दिन की भारत यात्रा के दौरान सोन ने पहले दिन मुंबई में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और दूसरे दिन राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
भारत में निवेश बढ़ा सकता है सॉफ्टबैंक
अरबपति सीईओ ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन सॉफ्टबैंक की पोर्टफोलियो कंपनियों के फाउंडरों से मुलाकात की। इनमें पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा, मीशो के सीईओ विदित आत्रे, ओयो के सीईओ रितेश अग्रवाल, ओला कंज्यूमर और ओला इलेक्ट्रिक के सीईओ भाविश अग्रवाल, फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति और अनएकेडमी के सीईओ गौरव मुंजाल समेत अन्य शामिल थे। सूत्र ने कहा, “फाउंडरों के साथ मीटिंग के दौरान सोन ने कहा कि भारत की इंजीनियरिंग प्रतिभा दुनिया में सबसे बड़ी है। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक कारणों से भारत चिप डिजाइन में एक बड़ा प्लेयर हो सकता है। सॉफ्टबैंक ने पिछले 10 साल में 15 अरब डॉलर का निवेश किया है और भारत में सॉफ्टबैंक का निवेश इससे ज्यादा हो सकता है।”
एआई इकोनॉमी की धड़कन होगी चिप डिजाइनिंग
सॉफ्टबैंक ग्रुप के चेयरमैन सोन ने कहा कि चिप डिजाइनिंग एआई इकोनॉमी की धड़कन होगी। फाउंडरों के साथ चर्चा के दौरान सोन ने एआई के इर्द-गिर्द कारोबार के विकास पर जोर दिया। सोन ने कहा कि एआई का ग्लोबल लेवल पर पूंजीगत व्यय 9 से 10 हजार अरब डॉलर होगा और फाउंडरों को एआई को 10 साल के नजरिए से देखने की जरूरत है। सोन ने कहा कि दो-तीन साल की एआई योजना बनाने से असफलता ही मिलेगी। सॉफ्टबैंक ने पिछले कुछ सालों में फ्लिपकार्ट, ओला, पेटीएम, डेल्हीवरी, फर्स्टक्राई और स्विगी जैसी कई बड़ी भारतीय कंपनियों में निवेश किया है।