Highlights
- योजना आयोग (Yojana Aayog) के उपाध्यक्ष रह चुके मोंटेक सिंह अहलूवालिया
- 2014 में केंद्र सरकार ने योजना आयोग का नाम बदलकर नीति आयोग कर दिया था।
- दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है भारत
India by 2047: योजना आयोग (Yojana Aayog) के उपाध्यक्ष रह चुके मोंटेक सिंह अहलूवालिया (Montek Singh Ahluwalia) ने बुधवार को कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ बनने के लिये सालाना आठ प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर की जरूरत होगी। लेकिन अहलूवालिया ने यह भी कहा कि देश की वर्तमान स्थिति को देखकर ये कहना मुश्किल है कि भारत इस टार्गेट को पूरा कर पाएगा। अब सवाल उठता है कि भारत को अगर 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनना है तो उसके लिए देश को क्या प्रयास करने होंगे, देश की आमदनी क्या होनी चाहिए, विकास का ढांचा कैसा होना चाहिए? विश्वबैंक भी इस विषय पर अपनी क्या राय देता है? आज जानने की कोशिश करेंगे कि वे क्या पैमाने हैं जिन पर किसी भी देश को विकसित राष्ट्र बनने के लिए खरा उतरना होगा।
विकसित देश बनने के लिए क्या है विश्वबैंक की परिभाषा
विश्वबैंक की परिभाषा के अनुसार, एक विकसित देश में प्रति व्यक्ति सालाना आय 12,000 डॉलर होनी चाहिए, अगर आप उसे रुपये में देखें तो यह राशि 18 अगस्त को डॉलर के मूल्य के अनुसार 9.55 लाख रुपये होगी। साथ ही उस देश की निर्भरता कृषि पर से कम हो जाती है। वहां औद्योगिकरण ज्यादा होने लगता है। मानव विकास सूचकांक में भी विकसित देश काफी बेहतर होते हैं।
विकसित देश बनने की राह है मुश्किल
सेंटर फॉर सोशल एंड इकनॉमिक प्रोग्रेस (CSEP) की ओर से आयोजित एक परिचर्चा में भाग लेते हुए अहलूवालिया ने कहा कि इस समय देश की वार्षिक प्रति व्यक्ति आय लगभग 2,000 अमेरिकी डॉलर है, जिसे 2047 तक 12 हजार डॉलर तक लेकर जाना होगा। अहलूवालिया के अनुसार, जो लोग सोचते हैं कि देश की आर्थिक वृद्धि दर निकट भविष्य में 7 से 7.5 प्रतिशत रहेगी, उन्हें यह समझना चाहिए कि देश लंबे समय तक इस दर से वृद्धि हासिल नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लिये छह प्रतिशत की औसत आर्थिक विकास दर अनुचित नहीं है।’’ अहलूवालिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक देश को विकसित बनाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य का जिक्र करते हुए कहा कि यह इस बात पर निर्भर है कि उनका (मोदी) ‘विकसित देश’ से क्या मतलब है। इसका कारण इसका कोई एक समान परिभाषा नहीं है।
भारत विकासशील देश की श्रेणी में टॉप लिस्ट में
उन्होंने आगे कहा, ‘‘अगर आप उच्च आय वाले देशों के लिये विश्वबैंक की परिभाषा को देखें, उसके अनुसार 12,000 डॉलर प्रति व्यक्ति आय से अधिक होनी चाहिए। फिलहाल यह 2,000 सालाना प्रति व्यक्ति आय है। अगर थोड़ा उदार मान्यताओं को भी ले तो भी हम उस समय 12,000 डॉलर सालाना प्रति व्यक्ति आय को पार नहीं कर पाएंगे।’’ मजबूत नीतिगत परिदृश्य में देश की सालाना प्रति व्यक्ति आय 2047 तक लगभग 9,600 डॉलर होगी। वहीं बीच वाली स्थिति में यह 7,500 डॉलर होगी। अगर हम यह हासिल करते हैं तो यह हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि होगी, लेकिन संभावित आर्थिक वृद्धि दर को देखते हुए हमें इस बात को लेकर वास्तविक धरातल पर होना चाहिए कि इस दौरान हम क्या हासिल कर सकते हैं। दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत 2,700 अरब डॉलर की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के साथ इस समय विकासशील देश की श्रेणी में टॉप लिस्ट में है।