भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) आज यानि 29 दिसंबर से लागू हो गया है। इस समझौते के लागू होते ही 23 अरब डॉलर का व्यापार पहले दिन से ही शुल्क मुक्त हो जाएगा। सरकार के मुताबिक इस समझौते से 6000 से ज्यादा प्रोडक्ट बिना किसी शुल्क के एक दूसरे देशों में बेचे जा सकेंगे।आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (जीटीआरआई) के अनुसार अगले पांच साल में वस्तुओं और सेवाओं का द्विपक्षीय व्यापार 70 अरब डॉलर के पार पहुंचाने में मदद करेगा।
जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने बयान में कहा, ‘‘भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वित्त वर्ष 2021-22 में 25 अरब डॉलर के वस्तुओं के व्यापार का 93 प्रतिशत है। यह कठिन समय में अधिक व्यापार के अवसर उपलब्ध करायेगा।’’ जीटीआरआई का अनुमान है कि यह द्विपक्षीय व्यापार भरोसेमंद व्यापार संबंधों और ऑस्ट्रेलिया के धीरे-धीरे चीन से दूर होने से अगले पांच साल में 70 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।''
1 लाख से अधिक भारतीय छात्रों को मिलेगा वर्किंग वीजा
इस मुक्त व्यापार समझौते का फायदा सिर्फ वस्तुओं के व्यापार को ही नहीं बल्कि भारत के सर्विस सेक्टर को भी मिलेगा। भारतीय योग शिक्षक और रसोइयों को वार्षिक वीजा कोटा का लाभ मिलेगा। ईसीटीए के तहत अध्ययन के बाद कार्य वीजा (1.5-4 वर्ष) से 1 लाख से अधिक भारतीय छात्र लाभान्वित होंगे। इस समझौते से निवेश के अवसरों में वृद्धि, निर्यात को बढ़ावा मिलने, महत्वपूर्ण अतिरिक्त रोजगार सृजन करने और दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध स्थापित होने की भी संभावना है।
1 दशक में पहली बार किसी विकसित देश से समझौता
उल्लेखनीय है कि बीते एक दशक में ऐसा पहली बार है जब भारत ने किसी विकसित देश के साथ आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA) किया है। वहीं ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में यह पहली बार है कि उसने किसी देश के लिए 100 प्रतिशत टैरिफ लाइन खोलने का फैसला लिया है। ऐसे में इस फैसले से भारत को बड़ा लाभ मिलने वाला है।