Highlights
- 'लूना' 80 के दशक में मीडिल क्लास फैमली की पहली ख्वाहिश
- Onida जो कभी हुआ करता था टीवी मार्केट का बादशाह
- Old Monk टेस्ट में बेस्ट
Independence Day: आज भारत आजादी का 75वां वर्षगांठ मना रहा है। आजादी के इस अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) में भारत के विकास को रफ्तार देने में किन ब्रांड (Brand) की अहम भूमिका रही है। उसके बारे में आज जानने की कोशिश करेंगे। अगर ये ब्रांड नहीं होते तो आज भारत की अर्थव्यवस्था (Economy) दुनिया में पांचवी स्थान पर नहीं आती। राजदूत (Rajdoot) से लेकर लूना (Luna) तक और बजाज (Bajaj) से लेकर निरमा डिटर्जेंट और पारले जी बिस्किट तक के वो ब्रांड जो अपने इंडस्ट्री में विरोधियों के लिए मिल के पत्थर साबित हुए हैं।
लूना 80 के दशक में मीडिल क्लास फैमली की पहली ख्वाहिश
लूना यह एक ऐसा दोपहिया वाहन था जो 80 के दशक में भारत में बहुत ज्यादा फेमस हो गया था। 1970 और 80 के दशक में 50cc लाइटवेट और लिबरेटिंग बाइक एक तरह का हैवीवेट बन गई थी। यह भारत की पहली ऐसी दोपहिया वाहन थी जिसने महिलाओं को विकास की गति से जोड़ने में सबसे ज्यादा योगदान दिया था। एक समय में करीब 90 फीसदी इसकी ग्राहक महिलाएं थी। उस समय के छोटे बच्चों की ख्वाहिश लूना की सवारी करनी होती थी। 21वीं सदी के शुरु होते-होते लूना के दशक का अंत हो गया।
'निरमा' दुध सी सफेदी
'दूध सी सफेदी निरमा से आए रंगीन कपड़ा भी खिल-खिल जाए, सबकी पसंद निरमा, वाशिंग पाउडर निरमा'। ये निरमा डिटर्जेंट की वो लाइन थी जिसने टीवी की विज्ञापन के दुनिया में सबसे ज्यादा पॉपुलैरिटी बटोरी। इसकी पहचान घर-घर बन गई। इसने कई सालों तक इंडस्ट्री पर राज किया। 1969 में करसनभाई पटेल ने गुजरात में की थी। यह कंपनी 80 के दशक में टॉप ब्रांट में शामिल थी।
Old Monk टेस्ट में बेस्ट
Old Monk को 1954 में लॉन्च किया गया था। तब से लेकर आज तक रम के हर शौकिन व्यक्ति की पहली पसंद बनी हुई है। कहा जाता है कि भारत में जब भी लोग पार्टी वगैरह करते हैं तो उसमें अगर कोई रम पीना चाहता है तो उसे सबसे पहले Old Monk की ऑफर किया जाता है। कुछ लोग इसे भारत का राष्ट्रीय पेय भी कहते हैं।
Onida जो कभी हुआ करता था टीवी मार्केट का बादशाह
ओनिडा को उस समय लॉन्च किया गया था जब बीपीएल और वीडियोकॉन बाजार पर राज कर रहे थे। ये दोनों भी टीवी के ही ब्रांड हैं। ओनिडा को कम बजट के हिसाब से मार्केट में लाया गया था। यही कारण है कि इसे गरीब आदमी का सोनी भी कहा जाता है। सोनी एक बहुत बड़ी टीवी और इलेक्ट्रिक समान बनाने वाली कंपनी है। अपने ब्रांड को लॉन्च करने के बाद कंपनी को सफलता भी मिली। 1992 में अपने आईपीओ की लॉन्चिंग के बाद से उसने 19 वर्षों तक मुनाफा भी कमाया। फिर धीरे-धीरे नए ब्रांड के मार्केट में कदम रखने के चलते ये पिछड़ती चली गई।
'राजदूत' जिसे कहा जाता राजा की सवारी
राजदूत एक ऐसी बाइक थी जिसकी सवारी को एक समय में राजा की सवारी बताई जाती थी। इसकी पॉपुलैरिटी का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि 80 के दशक में ये लोगों की पहली पसंद हुआ करती थी। 80 के दशक में जब उसे लॉन्च किया गया था तब उसकी कीमत 18 हजार हुआ करती थी। हालांकि इसे बाद में बुलेट से कड़ी टक्कर मिली।
इन ब्रांडो ने भी आपके जिंदगी पर छोड़े छाप
- 1997 में लॉन्च किया गया PVR सिनेमा आज भी फिल्म जगत में एक बड़ा नाम है। बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक की फिल्में इस सिनेमा हॉल में दिखाई जाती है।
- पंतजली आयुर्वेद कंपनी को 1995 में लॉन्च किया गया था। तब से लेकर अब तक के सफर में इस कंपनी FMCG सेक्टर में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है।
- Reynold जिसके पेन को भारत का हर पढ़ने लिखने वाला युवा इस्तेमाल करता है। इसका विज्ञापन सचित तेंदुलकर करते हैं। 5 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक का पेन कंपनी बनाती है।
- Parachute हेयर ऑयल को आज भी भारत की महिलाएं पसंद करती है। इस नारियल तेल की खासियत का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि 1970 से लेकर आज तक नारियल तेल में पहली पसंद बना हुआ है।
- OLA टैक्सी को 2010 में लॉन्च किया गया था। यह कंपनी ऑनलाइन कैब सेवा देती है। इसने भारत में ऑनलाइन कैब बुक करने की फैसिलिटी शुरु करने में सबसे अहम भूमिका निभाई है।
- डिजिटल ट्रांजैक्शन को एक नई गति देने में पेटीएम का बड़ा योगदान है। कंपनी ने अपनी सर्विस तब शुरु की थी जब भारत में लोग ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने से बचते थे। आज भारत सबसे ज्यादा डिजिटल ट्रांजैक्शन करने वाले देश में से एक है।
- Oberoi hotel ने भारत को लग्जरियस होटल की बड़ी चेन देने का काम किया है। यह आज के समय में काफी फेमस है। हालांकि इसका एक दिन का किराया सामान्य होटल से थोड़ा महंगा है।
- पार्लेजी की शुरुआत 1929 में हुई थी। तब उसका नाम पार्लेज-ग्लूको हुआ करता था, जिसे 1981 में बदल दिया गया है। 5 रुपये में भी आप पार्लेजी बिस्किट खरीद सकते हैं।
- मारुति 800 को 90 के दशक में लॉन्च किया गया था। तब यह चार पहिया वाहन में बेहत फेमस थी। उस समय लोगों को बजट में ये गाड़ी मिल जाती थी।
- हमारा बजाज स्कूटर 90 के दशक में सबसे फेमस स्कूटर हुआ करता था। कहा जाता है कि ये स्कूटर उस वक्त जिन लोगों के पास होती थी वो खुद को अमीर मानते थे। कई लोगों की यादें इस स्कूटर से आज भी जुड़ी हुई है।