दूध, अंडा और मांस के उत्पादन में 2022-23 से पिछले पांच वर्षों के दौरान उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला द्वारा रविवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। हालांकि, इस दौरान ऊन उत्पादन में गिरावट हुई। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने यहां राष्ट्रीय दुग्ध दिवस कार्यक्रम के दौरान बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी 2023 रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट पशु एकीकृत नमूना सर्वेक्षण (मार्च 2022 से फरवरी 2023) पर आधारित है। सर्वेक्षण पूरे देश में तीनों मौसमों गर्मी (मार्च-जून), मानसून (जुलाई-अक्टूबर) और सर्दी (नवंबर-फरवरी) में किया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2022-23 के दौरान देश में दुग्ध उत्पादन 23.05 करोड़ टन होने का अनुमान है। इसमें पिछले पांच वर्षों में 22.81 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे पहले 2018-19 में दुग्ध उत्पादन 18.77 करोड़ टन था।
दुग्ध उत्पादन में सबसे आगे उत्तर प्रदेश
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021-22 के अनुमान से वर्ष 2022-23 के दौरान उत्पादन 3.83 प्रतिशत बढ़ गया है। वर्ष 2018-19 में वार्षिक वृद्धि दर 6.47 प्रतिशत, वर्ष 2019-20 में 5.69 प्रतिशत, वर्ष 2020-21 में 5.81 प्रतिशत और वर्ष 2021-22 में 5.77 प्रतिशत थी। रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2022-23 के दौरान दुग्ध उत्पादन में सबसे आगे उत्तर प्रदेश था, जिसकी कुल दुग्ध उत्पादन में हिस्सेदारी 15.72 प्रतिशत थी। इसके बाद राजस्थान (14.44 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (8.73 प्रतिशत), गुजरात (7.49 प्रतिशत) और आंध्र प्रदेश (6.70 प्रतिशत) का स्थान था। वार्षिक वृद्धि दर (एजीआर) के संदर्भ में, पिछले वर्ष की तुलना में सबसे अधिक वार्षिक वृद्धि दर कर्नाटक (8.76 प्रतिशत) में दर्ज की गई। इसके बाद पश्चिम बंगाल (8.65 प्रतिशत) और उत्तर प्रदेश (6.99 प्रतिशत) का स्थान रहा। रिपोर्ट में कहा गया कि देश में कुल अंडा उत्पादन 138.38 अरब होने का अनुमान है। वर्ष 2018-19 के दौरान 103.80 अरब अंडों के उत्पादन के अनुमान की तुलना में वर्ष 2022-23 के दौरान पिछले पांच वर्षों में 33.31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
अंडा उत्पादन में सबसे आगे आंध्र प्रदेश
देश के कुल अंडा उत्पादन में सबसे आगे आंध्र प्रदेश रहा है, जिसकी हिस्सेदारी 20.13 प्रतिशत है। इसके बाद तमिलनाडु (15.58 प्रतिशत), तेलंगाना (12.77 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (9.94 प्रतिशत) और कर्नाटक (6.51 प्रतिशत) का स्थान है। वार्षिक वृद्धि दर (एजीआर) के संदर्भ में, सबसे अधिक वृद्धि पश्चिम बंगाल में (20.10 प्रतिशत) दर्ज की गई। इसके बाद सिक्किम (18.93 प्रतिशत) और उत्तर प्रदेश (12.80 प्रतिशत) का स्थान रहा। रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2022-23 के दौरान देश में कुल मांस उत्पादन 97.7 लाख टन होने का अनुमान है। वर्ष 2018-19 में 81.1 लाख टन के अनुमान की तुलना में पिछले पांच वर्षों में 20.39 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
मांस उत्पादन में उत्तर प्रदेश सबसे आगे
कुल मांस उत्पादन में 12.20 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। इसके बाद पश्चिम बंगाल (11.93 प्रतिशत), महाराष्ट्र (11.50 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (11.20 प्रतिशत) और तेलंगाना (11.06 प्रतिशत) का स्थान है। वार्षिक वृद्धि दर के संदर्भ में सबसे अधिक वार्षिक वृद्धि दर (एजीआर) सिक्किम में (63.08 प्रतिशत) दर्ज की गई है। इसके बाद मेघालय (38.34 प्रतिशत) और गोवा (22.98 प्रतिशत) का स्थान है।