Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. ब्याज दर बढ़ने का लोन की मांग पर असर नहीं होगा, बैंक ऋण 13 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा

ब्याज दर बढ़ने का लोन की मांग पर असर नहीं होगा, बैंक ऋण 13 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा

कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने के कारण यह वृद्धि होगी।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: November 28, 2022 15:20 IST
लोन - India TV Paisa
Photo:PTI लोन

महंगाई को काबू करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में कई बार बढ़ोतरी की है। इसके बाद से बैंक से कर्ज लेना महंगा हो गया है क्योंकि बैंकों ने भी ब्याज दर में बढ़ोतरी की है। हालांकि, इसका असर लोन की मांग पर नहीं होगा। फिच रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि उच्च ब्याज दरों के बावजूद चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत में बैंक ऋण में मजबूत वृद्धि जारी रहेगी। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि ऋण में मजबूत वृद्धि से बैंकों का मुनाफा और खासतौर से शुद्ध ब्याज मार्जिन बढ़ना चाहिए। फिच ने एक बयान में कहा, हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2022-23 बैंक ऋण 13 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा, जो 2021-22 के 11.5 प्रतिशत से अधिक है। 

अर्थव्यवस्था सामान्‍य होने से वृद्धि जारी रहेगी 

कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने के कारण यह वृद्धि होगी। फिच ने 2022-23 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। बयान में कहा गया कि दरों में वृद्धि के बावजूद भारतीय बैंक आमतौर पर वृद्धि को वित्त पोषित करने के लिए अतिरिक्त पूंजी जुटाने को तैयार रहते हैं। फिच ने कहा कि पूंजी नियोजन में निजी बैंक आम तौर पर सरकारी बैंकों की तुलना में बेहतर हैं। 

ब्याज दर में बड़ी बढ़ोतरी से बचना जरूरी 

घरेलू मांग में अच्छी तरह से सुधार हो रहा है। हालांकि, वैश्विक सुस्ती का असर भारत की ग्रोथ संभावनाओं पर भी पड़ सकता है। मुख्य रूप से वैश्विक अनिश्चितताओं से उत्पन्न घरेलू विकास की बाधाओं को देखते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को पहले के 50 आधार अंकों से अपनी मौद्रिक सख्ती की गति को कम करने पर विचार करना चाहिए। यह बात सीआईआई ने आरबीआई को आगामी मौद्रिक नीति पर अपेक्षाओं के संबंध में कही है। माना जा रहा है कि मुद्रास्फीति को लगभग 6 प्रतिशत अंक पर देखते हुए आरबीआई मुद्रास्फीति को कम करने के लिए प्रमुख ब्याज दरों में अतिरिक्त 25 से 35 आधार अंकों की बढ़ोतरी पर विचार कर सकता है। अक्टूबर 2022 में सीपीआई हेडलाइन प्रिंट में हालिया मॉडरेशन के बावजूद, हेडलाइन प्रिंट लगातार 10 महीनों तक आरबीआई की लक्ष्य सीमा से बाहर रहा। इसके अलावा, क्रेडिट और डिपॉजिट ग्रोथ के बीच मौजूद जम्हाई के अंतर के साथ, एक अतिरिक्त दर वृद्धि बचतकर्ताओं को प्रोत्साहित करेगी, इस प्रकार डिपॉजिट ग्रोथ को प्रोत्साहन प्रदान करेगी और क्रेडिट-डिपॉजिट वेज को कम करने में मदद करेगी।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement