हाल के महीनों में महंगाई एक बार फिर तेजी से बढ़ी है। टमाटरसहित दूसरी सब्जियों के दाम में उछाल से खुदरा महंगाई जून में बढ़कर 4.8% पर पहुंच गई थी। जुलाई में खुदरा महंगाई छह फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है। इसके चलते यह आशंका जताई जा रही थी कि महंगाई को काबू करने के लिए रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है। हालांकि, आज पेश मौद्रिक पॉलिसी में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। इस फैसले को रियल एस्टेट सेक्टर ने स्वागत किया है। रियल्टी डेवलपर्स ने खुशी जताते हुए कहा कि इस फैसले से प्रॉपर्टी बाजार और होम बायर्स दोनों को फायदा मिलेगा। आपको बता दें कि आरबीआई ने रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर स्थिर रखने का ऐलान किया है।
त्योहारी सीजन में मांग बढ़ाने वाला फैसला
अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने इंडिया टीवी को बताया कि रिजर्व बैंक की ओर से ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने के फैसले का हम स्वागत करते हैं। हाल के महीनों में जिस तेजी से महंगाई बढ़ी है, हमें लग रहा था कि महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई ब्याज दर में बढ़ोतरी कर सकता है। हालांकि, ऐसा नहीं किया गया। रेपो रेट नहीं बढ़ने से जहां एक ओर लाखों होम बायर्स को राहत मिलेगी। वहीं, दूसरी ओर त्योहारी सीजन में प्रॉपर्टी की मांग में तेजी आएगी। मानसून सीजन खत्म होने के साथ लोग प्रॉपर्टी की सर्च तेज करेंगे। ब्याज दर बढ़ने से बाजार का मूड खराब होता जो अब नहीं होगा। इससे प्रॉपर्टी की मांग में तेजी आएगी।
घर खरीदने की भावनाओं को बढ़ावा मिलेगा
इमामी रियल्टी के एमडी और सीईओ डॉ. नितेश कुमार ने आरबीआई पॉलिसी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और मुद्रास्फीति के बावजूद आरबीआई ने रेपो दर पर रोक के साथ यथास्थिति बनाए रखा है। इससे घर खरीदने की भावनाओं को बढ़ावा मिलेगा। मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी बातों के अलावा, देश की अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है। समग्र बाजार विश्वास को बढ़ावा देने और घर खरीदने को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए मौजूदा नीति दरों को जारी रखना और संभवतः ब्याज दरों में और कमी करना बेहतर होगा। रियल एस्टेट के लिए त्योहारी सीजन के दौरान इस नीतिगत निर्णय से घरेलू खपत और एनआरआई मांग बढ़ने की उम्मीद है।
मनोज गौड़, सीएमडी, गौड़ ग्रुप और चेयरमैन क्रेडाई ने रेपो रेट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रेपो दर में बढ़ोतरी पर आरबीआई की रोक घर खरीदारों और रियल एस्टेट डेवलपर्स के साथ अच्छी तरह से मेल खाता है। यह विकास क्षेत्र को एक नई निश्चितता प्रदान करता है कि आरबीआई जल्द ही दर को नहीं बढ़ाएगा। यदि अर्थव्यवस्था अपनी प्रगति जारी रखती है तो भविष्य में कटौती भी हो सकती है। 6.5% की वर्तमान दर अभी भी उच्च स्तर पर है और कम से कम किफायती आवास सेक्टर के लिए चिंता का विषय है।
एसकेए ग्रुप के निदेशक संजय शर्मा ने कहा कि आरबीआई ने लगातार तीसरी बार यथास्थिति बरकरार रखते हुए रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया। यह निरंतर रवैया वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में आरबीआई के विश्वास को दर्शाता है और संभावित घर खरीदारों के लिए आश्वासन की मार्गदर्शक रोशनी के रूप में कार्य करता है। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि नियमित रूप से मुद्रास्फीति के विकास को देखकर रियल एस्टेट क्षेत्र किसी भी वित्तीय चुनौतियों का सामना किए बिना बढ़ सके।
रियल एस्टेट को मजबूत करने की दिशा में कदम
मिग्सन ग्रुप के एमडी यश मिगलानी ने कहा कि आरबीआई का 6.5 फीसदी पर लगातार रेपो दर बनाए रखना रियल एस्टेट क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में शानदार कदम है। यह कदम निवेश और आर्थिक विस्तार को बढ़ावा देगा और मुद्रास्फीति के दबावों से बचाएगा। आरबीआई का निर्णय एक मजबूत और स्थायी रेसिडेंशियल मार्केट को बढ़ावा देगा। मुद्रास्फीति के रुझान की उचित निगरानी और बहुत जरूरी हस्तक्षेप रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए शानदार विकास सुनिश्चित करते हैं। हम आने वाले वर्षों में रियल एस्टेट क्षेत्र में अपरिवर्तित वृद्धि के बेहतर परिणाम देखने के लिए उत्सुक हैं।
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के संस्थापक और अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने का आरबीआई का निर्णय संभावित घर खरीदारों पर वित्तीय बोझ को कम करने की दिशा में एक आशाजनक कदम है। पिछले कुछ महीनों में देखी गई मासिक ईएमआई में वृद्धि ने मध्यम और निम्न-आय वर्ग के उन व्यक्तियों के बजट को काफी हद तक बाधित कर दिया है जो घर खरीदने की इच्छा रखते हैं। एक स्थिर ब्याज दर के माहौल को बनाए रखने से एक आशाजनक अनुमान है कि इन संभावित खरीदारों को अपनी घर खरीदने की योजना के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे किफायती और मध्य-आवास गृह खंड में एक नई गति की भावना आने की उम्मीद है।
एक्सिओम लैंडबेस के प्रबंध निदेशक राजेश के सराफ का कहना है कि रेपो दर में बदलाव नहीं करना भारतीय रिजर्व बैंक का सकारात्मक निर्णय है। हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। यह निर्णय रियल एस्टेट उद्योग के लिए राहत की खबर है, जिसने पिछले कई महीनों में उल्लेखनीय पुनरुत्थान का अनुभव किया है। इस निर्णय के परिणामस्वरूप सकारात्मक गति बरकरार रहने की संभावना है। हम आने वाले महीनों में रेपो दर में कटौती की उम्मीद करते हैं, एक ऐसा कदम जो रियल एस्टेट क्षेत्र और व्यापक राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था दोनों को मजबूत करने की क्षमता रखता है।
आरबीआई का यह एक बेहतरीन कदम
नवराज ग्रुप के प्रबंध निदेशक नवीन कुमार ने कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा तीसरी बार अपरिवर्तित रेपो दरों को बरकरार रखने का निर्णय रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए लाभदायक है। यह स्थिरता और सुसंगत स्थितियों, निवेशकों को आकर्षित करने और स्थायी निवेश उद्यमों को बढ़ावा देने का आश्वासन देती है। रेपो दरों को स्थिर रखने का निर्णय घर खरीदारों और डेवलपर्स के लिए उधार लेने की लागत को कम करता है। रियल एस्टेट निवेश के लिए एक अनुकूल पृष्ठभूमि स्थापित होती है। ऐसा संकल्प संभावित निवेशकों को क्षेत्र में विस्तार का विश्वास प्रदान करता है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि ब्याज दरों में बाद में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। यह एक बेहतरीन कदम है।
एक्सॉन डेवलपर्स के एमडी अंकित कंसल का कहना है कि रेपो दरों को अपरिवर्तित रखने की मौजूदा नीति की निरंतरता अपेक्षित तर्ज पर रही है। फरवरी से आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। प्रॉपर्टी खरीदने के लिए यह एक अच्छा संकेत है। इससे घर खरीदने वालों को भी राहत मिलेगी। भारतीय रियल एस्टेट भी एक स्वस्थ और अच्छी तरह से संतुलित आर्थिक विकास पथ से जुड़ा होगा जो एक सकारात्मक आर्थिक दृष्टिकोण, विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि और कम मुद्रास्फीति दबाव द्वारा चिह्नित है। वैश्विक मंदी और भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से नकारात्मक जोखिम को पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता है। ऐसे मामले में भारत में मौद्रिक संस्थान सख्त रुख अपनाने और बाजार में तरलता पर अंकुश लगाने के लिए मजबूर होंगे। उद्योग जगत के खिलाड़ियों को इस पर सतर्क नजर रखनी चाहिए और ऐसे परिदृश्य के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
शीघ्र ही ब्याज दरों में कटौती करने की अब जरूरत
विकास गर्ग, जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, गंगा रियल्टी ने कहा कि आरबीआई के इस निर्णय से आवास की मांग को स्थिर करने और संपत्ति बाजारों में सकारात्मक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी। रेपो दर को अपरिवर्तित रखकर आरबीआई ने उद्योग-अनुकूल रुख की मौद्रिक नीति को बनाए रखा है जो रुझानों के समेकन का समर्थन करेगा। यह रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए अच्छे परिणाम देगा और इसके अलावा व्यापक आर्थिक स्थितियों को स्थिर रखने में भी मदद करेगा। मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं को दूर करने और इसे 4% तक नीचे लाने की आरबीआई की प्रतिबद्धता के साथ पूरी तरह से संरेखित होगा।
त्रेहान ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर, सारांश त्रेहान ने कहा कि रेपो रेट को अपरिवर्तित बनाए रखने से रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए अच्छा है। प्रॉपर्टी बाजार में मांग लगातार बढ़ रही है और आरबीआई एमपीसी नीति रियल एस्टेट परिसंपत्तियों में पैसा लगाने की योजना बना रहे खरीदारों की संपत्ति-अनुकूल भावनाओं में काफी मूल्य जोड़ रही है। आरबीआई के इस कदम से मुद्रास्फीति की दरें और कम हो जाएंगी, जो निस्संदेह कम हो रही है लेकिन कंस्ट्रक्शन संबंधित क्षेत्रों को प्रभावित कर रही है और समग्र आर्थिक माहौल को बाधित कर रही है। आरबीआई को 4% के अपने मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निर्णय करने के लिए प्रेरित किया गया है और रेपो रेट को अपरिवर्तित रखकर यह अपने उद्देश्यों को महत्वपूर्ण रूप से प्राप्त करेगा।
दिनेश गुप्ता, सचिव, क्रेडाई वेस्टर्न यूपी कहते हैं, रेपो दर को स्थित बनाए रखने के आरबीआई के फैसले से निस्संदेह रियल एस्टेट को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन समग्र बाजार विश्वास को मजबूत करने और इसे वाणिज्यिक और आवासीय खरीदारों के लिए अधिक आकर्षक बनाने के लिए शीघ्र ही ब्याज दरों में कटौती को प्राथमिकता देनी चाहिए। हालाँकि, इस समय डेवलपर्स के पास बेहतर फंड और इसकी वैकल्पिक व्यवस्था के कारण रियल एस्टेट सेक्टर मध्यम और लक्जरी वर्ग, दोनों, के आवास की मांग और आपूर्ति करने में सक्षम है।
आरजी ग्रुप के निदेशक, हिमांशु गर्ग के अनुसार, ”ईएमआई गहन बाजार में, त्योहारी सीजन से पहले रेपो दर को 6.5 पर स्थिर करना रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक कदम है क्योंकि कोई भी बदलाव ऋण लेने वालों को प्रभावित करता है। हालाँकि, उपभोक्ता भावनाओं को सकारात्मक बढ़ावा देने के लिए इस बार दर में कटौती बेहतर होती और आशा है कि भविष्य में ऐसा हो। फिक्स्ड से फ्लोटिंग ब्याज दरों के बीच स्विच करने के विकल्प से होम लोन लेने वालों को राहत मिलेगी क्योंकि उन्हें ऋण की अधिकतम समय सीमा में एक बार लोन पुनर्गठन के बाद पुनः किसी बदलाव का मौका नहीं मिलता है।
नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राजन बन्देलकर ने कहा कि रेपो दरों को आरबीआई द्वारा अपरिवर्तित रखने का निर्णय रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है। ब्याज दरों में स्थिरता से उन डेवलपर्स को राहत मिलेगी जो एक जटिल आर्थिक परिदृश्य से गुजर रहे हैं। अपरिवर्तित दरें कुछ हद तक दीर्घकालिक परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के लिए एक आवश्यक स्थिति प्रदान करती है। इसके साथ ही यह निर्णय सेक्टर की स्थिरता की आवश्यकता के साथ अच्छी तरह से मेल भी खाता है और एक सकारात्मक माहौल को बढ़ावा देता है। हालांकि, हमें उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक उभरते बाजार की गतिशीलता के प्रति सचेत रहेगा और विकासोन्मुख उपायों का समर्थन करना जारी रखेगा। रियल एस्टेट डेवलपर्स का निकाय विभिन्न आर्थिक कारकों पर विचार करते हुए आरबीआई द्वारा किए जा रहे सावधानीपूर्वक संतुलन कार्य को स्वीकार करता है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, हम एक मजबूत रियल एस्टेट क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए सेक्टर और नियामक अधिकारियों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों की आशा करते हैं जो देश के आर्थिक पुनरुत्थान में योगदान दे।