भारतीय महिलाएं जमीन से लेकर आसमान तक अपनी धाक जमा रही हैं। दुनिया भर में आमतौर पर विमान पायलट के क्षेत्र में पुरुषों का एकाधिकार माना जा है। वैश्विक आंकड़ों की मानें तो हर 100 में से सिर्फ 5 पायलट महिला होती हैं। लेकिन भारत में यह स्थिति विदेशों से एकदम उलट है। ताजा आंकड़ों की मानें तो भारत में विदेशों के मुकाबले यह संख्या तीन गुनी है।
बृहस्पतिवार को जारी एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। आंकड़ों के अनुसार, भारत में कम से कम 15 प्रतिशत पायलट महिलाएं हैं, जो वैश्विक आंकड़े पांच प्रतिशत का तीन गुना है। हालांकि इस समय महिलाओं, अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) वर्ग को पायलट प्रशिक्षण के लिए प्रेरित करने के लिए सरकार द्वारा कोई विशेष कार्यक्रम नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार, देश में विभिन्न उड़ान कंपनियों के साथ 67 प्रवासी पायलट भी काम कर रहे हैं। भारत में अनुसूचित विभिन्न एयरलाइन कंपनियों से मिले आंकड़ों के अनुसार, 2021 में कुल 244 पायलट भर्ती किए गए। आंकड़ों के अनुसार, देश में अगले पाच साल में प्रति वर्ष 1,000 पायलटों की जरूरत होगी।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अनुसार, भारत में विभिन्न घरेलू उड़ानों में 67 विदेशी नागरिकों समेत लगभग 10,000 पायलट कार्यरत हैं। विज्ञप्ति के अनुसार, डीजीसीए से स्वीकृत 35 उड़ान प्रशिक्षण संगठन 53 स्थानों पर संचालित हैं।