Common ITR Form: आयकर रिटर्न दाखिल करना आयकरदाताओं काफी पेचीदा होता है, जिसे वह झंझट भरा काम मानते हैं। दूसरी ओर एक आयकरदाता के सामने सबसे बड़ी दिक्कत तब आती है जब उसे आईटीआर दाखिल करने के लिये सही ITR फॉर्म का चुनाव करना होता है। बता दें कि मौजूदा समय में आईटीआर दाखिल करने के 7 अलग-अलग फॉर्म मौजूद हैं, जिसमें से किसी एक फॉर्म को करदाता को चुनना होता है। वहीं करदाताओं की इस समस्या को देखते हुये केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक कॉमन आईटीआर फॉर्म का प्रस्ताव लाया है, जिसका मतलब है सबके लिये एक ही आईटीआर फॉर्म। आज हम आपको इसी कॉमन आईटीआर फॉर्म के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहें हैं।
क्या है कॉमन आईटीआर फॉर्म
बता दें कि कॉमन आईटीआर फॉर्म के आने के बाद करदाताओं को आईटीआर भरने के लिये एक ही फॉर्म मिलेगा। बता दें कि इसके आने के बाद जब आयकरदाता अपना आईटीआर भरने के लिए लॉगिन करेंगे तो उन्हें एक ही आईटीआर फॉर्म दिखाई देगा। जिसे ही हम कॉमन आईटीआर फॉर्म के नाम से जानेंगे। वहीं इस फॉर्म में विजर्ड नामक फीचर दिया जायेगा, जहां शुरुआत में ही करदाताओं से हां या ना में जवाब लिये जायेंगे।
ये ऑप्शन भी रहेंगे मौजूद
कॉमन आईटीआर फॉर्म के बाद भी आईटीआर-1, आईटीआर- 4, 7 का वजूद बना रहेगा, वहीं कॉमन आईटीआर फॉर्म फिलहाल में वैकल्पिक तौर पर आयेगा। दूसरी ओर करदाताओं को यह विकल्प दिया जायेगा कि वह आईटीआर दाखिल करने के लिए मौजूदा फॉर्म या प्रस्तावित कॉमन आईटीआर फॉर्म को सलेक्ट कर सकते हैं। इसके साथ ही कॉमन आईटीआर फॉर्म आ जाने के बाद आईटीआर- 2, 3, 5 और 6 को समाप्त कर दिया जायेगा।
यह होगा करदाताओं को फायदा
वहीं कॉमन आईटीआर फॉर्म आने के बाद रिटर्न फाइलिंग आसान होगी, इसके साथ करदाताओं का समय भी बचेगा। वहीं कॉमन आईटीआर फॉर्म में करदाताओं के लिये कोई भी ऑप्शन ऐसा नहीं जोड़ा गया है, जो उनके किसी काम का न हो, इससे उन्हें फॉर्म को भरने में सहूलियत होगी, साथ ही समय की भी अधिक बचत होगी।