वैश्विक स्तर पर इस समय एक बड़ी घटना घटित हुई है, जो शेयर बाजार, ऑयल मार्केट और गोल्ड पर असर डालने की कूवत रखती है। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया है। यह दुर्घटना रविवार करीब 3 बजे हुई, जब रईसी अपने काफिले के साथ अजरबैजान से वापस लौट रहे थे। राष्ट्रपति के साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन, ईरान के पूर्वी अजरबैजान स्टेट के गवर्नर और कुछ अन्य अधिकारी भी बैठे थे। ईरान की सरकारी मीडिया ने बताया है कि दुर्घटना स्थल से सभी शव मिल गए हैं। हादसे में हेलीकॉप्टर में मौजूद सभी यात्री मारे गए। आइए जानते हैं कि यह घटना आर्थिक जगत पर कितना प्रभाव डाल सकती है।
ऑयल मार्केट में अस्थिरता
ईरानी में नेतृत्व को लेकर अनिश्चितता से ऑयल मार्केट में अस्थिरता देखने को मिल सकती है। क्योंकि निवेशकों को ईरान के तेल उत्पादन और निर्यात पर संभावित प्रभाव की चिंता रहेगी। ईरानी राष्ट्रपति की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु के बाद सोमवार को शुरुआती कारोबार में तेल की कीमतों में इजाफा भी देखने को मिला है। क्रूड ऑयल डबल्यूटीआई 0.41 फीसदी या 0.33 डॉलर की बढ़त के साथ 79.91 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड करता दिखा। वहीं, बेंचमार्क ब्रेंट ऑयल 0.48 फीसदी या 0.40 डॉलर की बढ़त के साथ 84.38 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करता दिखाई दिया।
तेल सप्लाई से जुड़ी चिंता
ईरान के तेल उत्पादन में कोई भी व्यवधान ग्लोबल ऑयल सप्लाई और कीमतों पर प्रभाव डालेगा। क्योंकि ईरान एक प्रमुख तेल उत्पादक देश है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना हैं कि उतार-चढ़ाव के बावजूद ऑयल मार्केट लार्जली रेंजबाउंड बना हुआ है।
गोल्ड मार्केट पर असर
जब भी दुनिया में भू-राजनैतिक अस्थिरता आती है, सेफ हैवन एसेट के रूप में गोल्ड की डिमांड बढ़ती है। इससे सोने की कीमतों में इजाफा होता है। रईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु के बाद सोने की वैश्विक कीमतें ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई हैं। कॉमेक्स पर सोने का वैश्विक भाव 1.17 फीसदी या 28.40 डॉलर की बढ़त के साथ 2,445.80 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करता दिखा। वहीं, सोना हाजिर 0.99 फीसदी या 23.98 डॉलर की बढ़त के साथ 2,439.20 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करता दिखा।
मार्केट सेंटीमेंट
रईसी की मौत की खबर शेयर बाजार पर भी असर डाल सकती है। क्योंकि निवेशक क्षेत्रीय स्थिरता और इकॉनोमिक पॉलिसीज पर संभावित प्रभाव पर रिएक्ट करेंगे। हालांकि, मार्केट भू-राजनैतिक मोर्टे पर डेवलपमेंट को लेकर ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। यह ओपेक के पास बड़ी मात्रा में भंडार होने के चलते भी हो सकता है।