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नौकरियों पर दिखा मंदी का असर, रिकॉर्ड संख्या में गई जॉब्स ने पैदा की नई संकट

Recession on Jobs: भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। कोरोना महामारी के वक्त जितनी तेजी से कंपनियों ने हायरिंग की थी, उसके बाद मंदी के प्रभाव के चलते उतनी ही तेजी से छंटनी भी कर रही हैं।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: May 10, 2023 17:02 IST
Recession on Jobs- India TV Paisa
Photo:FILE Recession on Jobs

India Startup Ecosystem: कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण हालात पैदा होने से अप्रैल के महीने में संगठित क्षेत्र (Organized Sector) में ऑनलाइन भर्तियों की संख्या में एक साल पहले की तुलना में गिरावट दर्ज की गई है। एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद अप्रैल में नवाचार-आधारित स्टार्टअप फर्मों में भर्तियों में खासी तेजी देखी गई। फाउंडइट इनसाइट्स ट्रैकर (एफआईटी) पर आधारित यह रिपोर्ट कहती है कि एक साल पहले की तुलना में अप्रैल 2023 में संगठित क्षेत्र में ऑनलाइन भर्तियों की संख्या छह प्रतिशत गिर गई लेकिन नए एवं उभरते क्षेत्रों में नौकरियों के लिए अधिक आवेदन मांगे गए। फाउंडइट (पूर्व में मॉन्स्टर) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी शेखर गरिसा ने कहा कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं ने कारोबार के लिए चुनौतीपूर्ण वातावरण पैदा कर दिया है और इसकी वजह से उन्हें तेजी से बदलते माहौल के अनुरूप खुद को ढालना पड़ रहा है। भले ही ऑनलाइन भर्तियों में कमी आई है लेकिन युवाओं के लिए उभरते क्षेत्रों में रोजगार के तमाम मौके उपलब्ध हैं। 

जॉब्स ने पैदा की नई संकट

उन्होंने कहा कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में बदलाव आया है और यह मौजूदा रोजगार बाजार के बावजूद नई भर्तियों की मंशा दिखा रहा है। रिपोर्ट कहती है कि स्टार्टअप में से शिक्षण-प्रौद्योगिकी भर्तियां कर रहे टॉप-5 इंटस्ट्री में शामिल है, लेकिन पिछले साल की तुलना में हिस्सेदारी कम हुई है। इसके अलावा बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी, मीडिया एवं एंटरटेनमेंट क्षेत्र में भी भर्तियां हुईं। दूसरी तरफ स्वास्थ्य देखभाल और बीपीओ स्टार्टअप ने अप्रैल, 2022 की तुलना में कम भर्तियां कीं। ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया में बड़े शहरों के अलावा छोटी जगहों की भी हिस्सेदारी देखी गई। इनमें बेंगलुरु 33 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ स्टार्टअप नौकरियों के मामले में सबसे आगे रहा।

पिछले साल ही हो गई थी छंटनी की शुरुआत

लगभग 1,046 टेक कंपनियों (बिग टेक से लेकर स्टार्टअप तक) ने पिछले साल 1.61 लाख से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की। अकेले जनवरी में, लगभग 1 लाख तकनीकी कर्मचारियों ने वैश्विक स्तर पर नौकरी खो दी, जिसमें अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, सेल्सफोर्स और अन्य जैसी कंपनियों का दबदबा था। जनवरी में 1,02,943 की तुलना में अमेरिका में कंपनियों ने फरवरी में 77,770 नौकरियों में कटौती की, आईटी कंपनियों ने छंटनी की दौड़ का नेतृत्व करना जारी रखा, पिछले महीने 21,387 नौकरियों में कटौती हुई, जो सभी कटौती का 28 प्रतिशत था।

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