यह साल कई मायनों में अलग होने वाला है। अर्थव्यवस्था के चश्मे से अगर आप देखें तो दुनिया डगमगाती हुई नजर आएगी। आईएमएफ पहले भी कई बार चेतावनी जारी कर चुका है कि 2023 में मंदी आने वाली है, लेकिन इस बार उसने भारत को इशारों में चेताया है।
क्या कहा आईएमएफ ने?
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने चेतावनी दी है कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक तिहाई हिस्सा मंदी की चपेट में रहेगा और 2023, 2022 की तुलना में 'कठिन' होगा, क्योंकि अमेरिका, यूरोपीय संघ और चीन धीमी अर्थव्यवस्था का सामना करेंगे। यहां तक कि जो देश मंदी की चपेट में नहीं हैं, उन्हें भी मंदी जैसा महसूस होगा। बता दें, भारत को लेकर भी बड़े-बड़े इकोनॉमिस्ट यही कह रहे हैं कि देश में मंदी जैसी कोई स्थिति नहीं है। इंडिया पूरी दुनिया में अकेले ऐसा देश होगा जो तेजी से विकास करेगा।
40 साल में पहली बार चीन की ऐसी होगी हालत
आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन को 2023 में एक कठिन शुरुआत का सामना करना पड़ेगा। चीन ने 2022 में सख्त शून्य-कोविड नीति के कारण नाटकीय रूप से धीमा कर दिया है। 40 वर्षों में पहली बार 2022 में चीन की वृद्धि वैश्विक विकास के बराबर या उससे कम होने की संभावना है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था।
इस वजह से आईएमएफ ने दी चेतावनी
यह चेतावनी रूस-यूक्रेन युद्ध, बढ़ती कीमतों, उच्च ब्याज दरों और चीन में कोविड-19 महामारी की नई लहर के वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दबाव के रूप में आई है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2022 में यूक्रेन में युद्ध के साथ-साथ दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के प्रयास के कारण आईएमएफ ने 2023 के लिए अपने वैश्विक आर्थिक विकास के दृष्टिकोण में कटौती की थी। तब से चीन ने अपनी शून्य कोविड नीति को खत्म कर दिया है और अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से खोलना शुरू कर दिया है।